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चित्रकथा - 27: इस दशक के नवोदित नायक (भाग - 1)

अंक - 27 इस दशक के नवोदित नायक (भाग - 1) "मैं हूँ हीरो तेरा..."  ’रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी श्रोता-पाठकों को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार। समूचे विश्व में मनोरंजन का सर्वाधिक लोकप्रिय माध्यम सिनेमा रहा है और भारत कोई व्यतिक्रम नहीं। बीसवीं सदी के चौथे दशक से सवाक् फ़िल्मों की जो परम्परा शुरु हुई थी, वह आज तक जारी है और इसकी लोकप्रियता निरन्तर बढ़ती ही चली जा रही है। और हमारे यहाँ सिनेमा के साथ-साथ सिने-संगीत भी ताल से ताल मिला कर फलती-फूलती चली आई है। सिनेमा और सिने-संगीत, दोनो ही आज हमारी ज़िन्दगी के अभिन्न अंग बन चुके हैं। ’चित्रकथा’ एक ऐसा स्तंभ है जिसमें बातें होंगी चित्रपट की और चित्रपट-संगीत की। फ़िल्म और फ़िल्म-संगीत से जुड़े विषयों से सुसज्जित इस पाठ्य स्तंभ में आपका हार्दिक स्वागत है।  हर रोज़ देश के कोने कोने से न जाने कितने युवक युवतियाँ आँखों में सपने लिए माया नगरी मुंबई के रेल्वे स्टेशन पर उतरते हैं। फ़िल्मी दुनिया की चमक-दमक से प्रभावित होकर स्टार बनने का सपना लिए छोटे बड़े शहरों, कसबों और गाँवों से मुंबई की धरती पर क़दम रख

गीत अतीत 21 || हर गीत की एक कहानी होती है || जाने क्या हो गया || देश दीपक

Geet Ateet 21 Har Geet Kii Ek Kahaani Hoti Hai... Jaane Kya Ho Gaya Jaane Kya Ho Gaya Desh Deepak - Singer, Composer & Lyricist  " अगर विडियो में जाने पहचाने कलाकार हों तो गाने का स्वतः ही प्रमोशन हो जाता है    " -    देश दीपक  स्वा गत कीजिये गायन, लेखन और संगीत की दुनिया में एक नए कलाकार का. देश दीपक अपने नए गीत "जाने क्या हो गया" के साथ इस मुश्किल मैदान में उतरे हैं, ये उनका डेब्यू गीत है जिसे जी म्यूजिक ने हाल ही में जारी किया है. मिलते हैं आज देश दीपक से और उन्हीं से जानने की कोशिश करते हैं कि इस सुरीले गीत के बनने का अतीत क्या है, "जाने क्या हो गया" गीत के बनने की कहानी, गायक, संगीतकार और गीतकार देश दीपक से आज गीत अतीत में, प्ले पर क्लिक करें और सुनें डाउनलोड कर के सुनें  यहाँ  से.... सुनिए इन गीतों की कहानियां भी - ओ रे रंगरेज़ा (जॉली एल एल बी) मैनरलैस मजनूं (रंनिंग शादी डॉट कॉम) रंग (अरविन्द तिवारी, गैर फ़िल्मी सिंगल) हमसफ़र (बदरी की दुल्हनिया) सनशाईन (गैर फ़िल्मी सिंगल) हौले हौले (गैर

राधेश्याम भारतीय की लघुकथा "मुआवज़ा"

'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने  अर्चना चावजी की आवाज़ में हिंदी साहित्यकार भीष्म साहनी की कथा " दो गौरय्या " का पॉडकास्ट सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं राधेश्याम भारतीय की लघुकथा " मुआवज़ा ", जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। इस कहानी का कुल प्रसारण समय 1 मिनट 42 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। लघुकथा का गद्य ' सेतु पत्रिका ' पर उपलब्ध है। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। राधेश्याम भारतीय जन्म: 15.07.1974; हसनपुर, करनाल शिक्षा: एम.ए हिंदी, एम.फिल, पीएच.डी सम्पर्क: नसीब विहार कालोनी, घरौंडा, करनाल-132114 ईमेल: rbhartiya74@gmail.com हर सप्ताह "बोलती कहानियाँ" पर सुनें एक नयी कहानी “साब जी, हमें भी कुछ मुआवजा दे दीजिए!” ( राधेश्याम भ

राग पहाड़ी : SWARGOSHTHI – 325 : RAG PAHADI

स्वरगोष्ठी – 325 में आज संगीतकार रोशन के गीतों में राग-दर्शन – 11 : राग पहाड़ी रोशन की जन्मशती पर उनकी स्मृतियों को शताधिक नमन ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के मंच पर ‘स्वरगोष्ठी’ की जारी श्रृंखला “संगीतकार रोशन के गीतों में राग-दर्शन” की ग्यारहवीं और समापन कड़ी के साथ मैं कृष्णमोहन मिश्र, आप सब संगीत-प्रेमियों का हार्दिक स्वागत करता हूँ। इस सप्ताह की 14 जुलाई 2017 को संगीतकार रोशन की जन्मशती पूर्ण हो तही है। यह श्रृंखला हमने इसीलिए रोशन की स्मृतियों को समर्पित की है। मित्रों, इस श्रृंखला में हम फिल्म जगत में 1948 से लेकर 1967 तक सक्रिय रहे संगीतकार रोशन के राग आधारित गीत प्रस्तुत कर रहे हैं। रोशन ने भारतीय फिल्मों में हर प्रकार का संगीत दिया है, किन्तु राग आधारित गीत और कव्वालियों को स्वरबद्ध करने में उन्हें विशिष्टता प्राप्त थी। भारतीय फिल्मों में राग आधारित गीतों को स्वरबद्ध करने में संगीतकार नौशाद और मदन मोहन के साथ रोशन का नाम भी चर्चित है। इस श्रृंखला में हम आपको संगीतकार रोशन के स्वरबद्ध किये राग आधारित गीतों में से कुछ गीतों को चुन कर सुनवाया और इ

चित्रकथा - 26: पाँच दशक और एक अभिनेता शिवराज: श्रद्धांजलि अंक

अंक - 26 पाँच दशक और एक अभिनेता शिवराज "ज़मीं चल रही है, आसमाँ चल रहा है..."  ’रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी श्रोता-पाठकों को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार। समूचे विश्व में मनोरंजन का सर्वाधिक लोकप्रिय माध्यम सिनेमा रहा है और भारत कोई व्यतिक्रम नहीं। बीसवीं सदी के चौथे दशक से सवाक् फ़िल्मों की जो परम्परा शुरु हुई थी, वह आज तक जारी है और इसकी लोकप्रियता निरन्तर बढ़ती ही चली जा रही है। और हमारे यहाँ सिनेमा के साथ-साथ सिने-संगीत भी ताल से ताल मिला कर फलती-फूलती चली आई है। सिनेमा और सिने-संगीत, दोनो ही आज हमारी ज़िन्दगी के अभिन्न अंग बन चुके हैं। ’चित्रकथा’ एक ऐसा स्तंभ है जिसमें बातें होंगी चित्रपट की और चित्रपट-संगीत की। फ़िल्म और फ़िल्म-संगीत से जुड़े विषयों से सुसज्जित इस पाठ्य स्तंभ में आपका हार्दिक स्वागत है।  3 जून 2017 को फ़िल्म जगत के सुप्रसिद्ध चरित्र अभिनेता शिवराज का निधन हो गया। पाँच दशकों के दौरान 200 से उपर हिन्दी फ़िल्मों में तरह तरह के किरदारों में नज़र आने वाले शिवराज का हर कहानी को जीवन्त करने में बहुमूल्य योगदान रहा है। किरदार

गीत अतीत 20 || हर गीत की एक कहानी होती है || लॉस्ट विथआउट यू || हाफ गर्लफ्रेंड || कुनाल वर्मा

Geet Ateet 20 Har Geet Kii Ek Kahaani Hoti Hai... Lost Without You Half Girlfriend (Ami Mishra, Anushka Shahaney ) Kunal Verma- Lyricist " मोहित सर दूसरे अन्त्तरे में एक ख़ास शब्द चाह रहे थे, मगर अमी इस शब्द को लेकर असमंजस में थे, उन्हें लग रहा था कि वो शब्द थोडा हैवी हो जायेगा, तभी मोहित सर ने कुछ ऐसा कहा जिसे सुनकर हम दोनों ही निशब्द हो गए  " -    कुनाल वर्मा  जानिए क्या कहा फिल्म "हाफ गर्लफ्रेंड" के निर्देशक मोहित सूरी ने गीतकार कुनाल वर्मा और संगीतकार गायक अमी मिश्रा से जिसे सुनकर दोनों ही खामोश हो गए, इस गीत में अमी का साथ निभाया है गायिका अनुष्का शहनाय ने, जिन्होंने इस गीत के अंग्रेजी बोल भी लिखे हैं, जानिए "लॉस्ट विथआउट यू" गीत की कहानी, गीतकार कुनाल वर्मा की जुबानी  ... प्ले पर क्लिक करे और सुनें .... डाउनलोड कर के सुनें  यहाँ  से.... सुनिए इन गीतों की कहानियां भी - ओ रे रंगरेज़ा (जॉली एल एल बी) मैनरलैस मजनूं (रंनिंग शादी डॉट कॉम) रंग (अरविन्द तिवारी, गैर फ़िल्मी सिंगल) हमसफ़र (बदरी की दुल्हनिया) स

चित्रकथा - 25: हिन्दी फ़िल्म संगीत में गायिका सबिता चौधरी का योगदान

अंक - 25 गायिका सबिता चौधरी को श्रद्धांजलि "मन ना मोरे सता, देख मोहे बता..."  सबिता चौधरी (1945 - 2017) 29 जून 2017 को जानी-मानी गायिका सबिता चौधरी का 72 वर्ष की आयु में निधन हो गया। बांग्ला फ़िल्मी व ग़ैर-फ़िल्मी गीतों की मशहूर गायिका सबिता जी ने कई हिन्दी फ़िल्मों के लिए भी पार्श्वगायन किया है। सुप्रसिद्ध संगीतकार सलिल चौधरी की पत्नी सबिता चौधरी का संगीत के धरोहर को समृद्ध करने में उल्लेखनीय योगदान रहा। आइए आज याद करें उन हिन्दी फ़िल्मी गीतों को जिनमें सबिता जी की आवाज़ शामिल हैे। आज के ’चित्रकथा’ का यह अंक समर्पित है स्वर्गीया सबिता चौधरी की पुण्य स्मृति को। क ल मुसलाधार बारिश हो रही थी। घर के बरामदे में बैठ कर बारिश को निहारता हुआ कुछ उदास सा हो गया था। एक कविता की पंक्तियाँ याद आ रही थीं - "उसकी हवा सारी ख़ुशी उड़ा ले गई, आज बारिश मुझे उदास कर गई। क्यों पता नहीं मेरा दिल दुखा गई, लगा ऐसे जैसे रोया हो बहुत, आसमाँ मेरी तरह, नहीं समझ आया क्या हुआ, बस मेरी आँख नम कर गई...।" और तभी बगल में बज रहे रेडियो पर सबित