'चित्रशाला - 7 (विशेष प्रस्तुति) सियाचेन में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि गांधीजी के लिखे और मन्ना डे के गाए प्रार्थना गीत से विश्व के सर्वोच्च मिलिटरी ज़ोन सियाचेन पर तैनात भारतीय जवान "तुम ज़िन्दगी से जीते नहीं पर लड़े तो थे, यह बात कम नहीं कि तुम ज़िद पर अड़े तो थे, यह ग़म रहेगा कि हम बचा न सके तुम्हें, वरना हमें बचाने वहाँ तुम खड़े तो थे!" सियाचेन में शहीद हुए हमारे जवानों की शान में इनसे बेहतर शायद कोई पंक्तियाँ नहीं! विविध भारती की उद्घोषक ममता सिंह कहती हैं, "हमें अपने बच्चों को सिखाना चाहिए कि जब हम चॉकलेट केक पोपकोर्न खा रहे हैं, टेलीविज़न पर नोबिता, छोटा भीम, मिकी माउस देख रहे हैं, उस वक़्त कुछ बच्चों के पापा सरहद पर तैनात हैं और देश की हिफ़ाज़त कर रहे हैं। वो फोन पर उनसे कहते हैं, अगली बार आना तो हेलीकॉप्टर ले आना। अगली बार न हेलीकॉप्टर आता है। न पापा।" यूनुस ख़ान के शब्दों में, "आम जिंदगी में कितनी बार याद आता है कि हमारे फौजी सरहदों पर बेहद मुश्किल हालात में अपना फ़र्ज़ निभा रहे हैं। मुश्किल ड्यूटी, अकेलापन, तकल