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कभी आपने सुना है फ़िल्म 'संगम' के इस कमचर्चित गीत को?

एक गीत सौ कहानियाँ - 28   ‘ आई लव यू... ’ 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी श्रोता-पाठकों को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार! दोस्तों, हम रोज़ाना रेडियो पर, टीवी पर, कप्यूटर पर, और न जाने कहाँ-कहाँ, जाने कितने ही गीत सुनते हैं, और गुनगुनाते हैं। ये फ़िल्मी नग़में हमारे साथी हैं सुख-दुख के, त्योहारों के, शादी और अन्य अवसरों के, जो हमारी ज़िन्दगियों से कुछ ऐसे जुड़े हैं कि इनके बिना हमारी ज़िन्दगी बड़ी ही सूनी और बेरंग होती। पर ऐसे कितने गीत होंगे जिनके बनने की कहानियों से, उनसे जुड़ी दिलचस्प क़िस्सों से आप अवगत होंगे? बहुत कम, है न? कुछ जाने-पहचाने, और कुछ कमसुने फ़िल्मी गीतों की रचना प्रक्रिया, उनसे जुड़ी दिलचस्प बातें, और कभी-कभी तो आश्चर्य में डाल देने वाले तथ्यों की जानकारियों को समेटता है 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' का यह साप्ताहिक स्तंभ 'एक गीत सौ कहानियाँ'। इसकी 28-वीं कड़ी में आज जानिये फ़िल्म 'संगम' के एक कमचर्चित गीत के बारे में ...   'संगम', 1964 की राज कपूर की महत्वाकांक्षी फ़िल्म। बेहद कामयाब। यह राज कपूर की पहली रंगीन फ़िल्म

दुल्हन को मैचिंग दूल्हा लाये हैं शंकर एहसान लॉय 'हुलारे' में

ताज़ा सुर ताल  -2014-17 करन जौहर और साजिद नाडियाडवाला लाये हैं चेतन भगत की कहानी पर आधारित 2 States.  अलिया भट्ट और अर्जुन कपूर अभिनीत ये फिल्म आज यानी १८ अप्रैल को प्रदर्शन आरंभ कर रही है. फिल्म कैसी है ये आप लोग देख कर हमें बताएगें. फिलहाल हम इस फिल्म का एक और गीत आज सुनने जा रहे है, जो है पूरी तरह मस्ती से भरा और कदम थिरकाने वाला.  फिल्म की संगीत जोड़ी है अमिताभ भट्टाचार्य और शंकर एहसान लोय की तिकड़ी का. शादी के माहौल का ये गीत एक बार फिर 'सेल' तिकड़ी की मशहूर छाप लिए हुए है. ढोल का सुन्दर प्रयोग है. पार्श्व गायन है खुद शंकर के साथ सिद्धार्थ महादेवन और रसिका शेखर का. तो लीजिये झूमने को कमर कस लें इस गीत के साथ.    

सुन सुगना रे...तापस रेलिया का रचा एक मधुर गीत

ताज़ा सुर ताल -2014 -16 दो स्तों कुछ फिल्मों ऐसी होती हैं जो ह्रदय को चीर जाती है, आपकी संवेदनाओं को इस कदर कुरेद जाती है कि फिल्म खत्म होने के बाद देर तक आपका मन रोता रहता है. नागेश कुकनूर एक ऐसे निर्देशक हैं जो फ़िल्में बनाते हैं ताकि समाज मनोरजन की खुमारी को छोड़ कभी कभी सच का आईना भी देखें सिनेमा के अन्धकार भरे हॉल में बैठकर. उनकी ताज़ा फिल्म "लक्ष्मी" मानव तस्करी पर एक विवेचनात्मक अभिव्यक्ति है. एक 13 साल की मासूम बच्ची को वैश्यावृति के दलदल में धकेल दिया जाता है और कैसे वो नन्हीं जान हिम्मत के साथ उन परिस्तिथियों का सामना करती है यही इस पौने दो घंटे की फिल्म बेहद सच्चाई के साथ दर्शाया गया है.  जब मैंने ये फिल्म देखी तो मुझे अंदाजा नहीं था कि फिल्म में एक संगीत पक्ष भी होगा, हालाँकि फिल्म की नायिका के रूप में चयन किया गया है मोनाली ठाकुर ( संवार लूं - लूटेरा)  का. इन्डियन आइडल के गलियारों से निकल मोनाली ने पार्श्वगायन के साथ साथ अभिनय में भी अपनी सशक्त उपस्तिथि दर्ज कराई है. फिल्म की एल्बम में कुल ४ गीत हैं जिसमें से सिर्फ एक ही मोनाली के हिस्से आया है. फिल्म के

जीवन के अंतिम सच से जुडी एक जरूरी सीख मुकेश के इस गीत में

खरा सोना गीत - जो चला गया उसे भूल जा   प्रस्तोता - अंतरा चक्रवर्ती  स्क्रिप्ट - सुजोय चट्टरजी प्रस्तुति - संज्ञा टंडन

अनूठा घन-वाद्य जलतरंग

स्वरगोष्ठी – 163 में आज संगीत वाद्य श्रृंखला - 1 जल भरे प्यालों से उपजे स्वर-तरंग अर्थात मनोहर संगीत वाद्य जलतरंग ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर आज एक नवीन श्रृंखला के प्रथम अंक के साथ मैं कृष्णमोहन मिश्र, सभी संगीतानुरागियों का हार्दिक स्वागत करता हूँ। मित्रों, इस लघु श्रृंखला में हम आपसे भारतीय संगीत के कुछ अनूठे वाद्यों की चर्चा करेंगे। वर्तमान में प्रचलित अनेक वाद्य हैं जो प्राचीन वैदिक परम्परा से जुड़े हैं और समय के साथ क्रमशः विकसित होकर हमारे सम्मुख उपस्थित हैं। कुछ ऐसे भी वाद्य हैं जिनकी उपयोगिता तो है किन्तु धीरे-धीरे अब ये लुप्तप्राय हो रहे हैं। इस श्रृंखला में हम कुछ लुप्तप्राय और कुछ प्राचीन वाद्यों के परिवर्तित व संशोधित स्वरूप में प्रचलित वाद्यों का उल्लेख करेंगे। श्रृंखला की पहली कड़ी में आज हम आपसे एक प्राचीन वाद्य ‘जलतरंग’ की चर्चा करेंगे। जल से भरे विभिन्न स्वरों के छोटे-बड़े प्यालों पर आघात कर संगीत उत्पन्न करने वाले इस वाद्य के आज देश में कुछ गिने-चुने वादक ही हैं। आज के अंक में आपको इस वाद्य के दो प्रत

"बजाओ रे बजाओ, इमानदारी से बजाओ, पचास हज़ार खर्च कर दिये..."

एक गीत सौ कहानियाँ - 27   ‘ जय जय शिवशंकर, काँटा लगे न कंकड़ ...’ 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी श्रोता-पाठकों को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार! दोस्तों, हम रोज़ाना रेडियो पर, टीवी पर, कप्यूटर पर, और न जाने कहाँ-कहाँ, जाने कितने ही गीत सुनते हैं, और गुनगुनाते हैं। ये फ़िल्मी नग़में हमारे साथी हैं सुख-दुख के, त्योहारों के, शादी और अन्य अवसरों के, जो हमारी ज़िन्दगियों से कुछ ऐसे जुड़े हैं कि इनके बिना हमारी ज़िन्दगी बड़ी ही सूनी और बेरंग होती। पर ऐसे कितने गीत होंगे जिनके बनने की कहानियों से, उनसे जुड़ी दिलचस्प क़िस्सों से आप अवगत होंगे? बहुत कम, है न? कुछ जाने-पहचाने, और कुछ कमसुने फ़िल्मी गीतों की रचना प्रक्रिया, उनसे जुड़ी दिलचस्प बातें, और कभी-कभी तो आश्चर्य में डाल देने वाले तथ्यों की जानकारियों को समेटता है 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' का यह साप्ताहिक स्तंभ 'एक गीत सौ कहानियाँ'। इसकी 27-वीं कड़ी में आज हम आपके लिए लेकर आये हैं फ़िल्म 'आपकी कसम' के मशहूर गीत "जय जय शिवशंकर, काँटा लगे न कंकड़" से संबंधित कुछ दिलचस्प तथ्यों की जानकारियाँ

खूबसूरत शब्दों से बुना एक गीत

ताज़ा सुर ताल -२०१४-१५ तुझ बिन सूरज में आग नहीं रे, तुझ बिन कोयल में राग नहीं रे, चंदनिया तो बरसे , फिर क्यों मेरे हाथ अँधेरे लग ले ने ....अमिताभ भट्टाचार्य के लिखे इस खूबसूरत मगर दर्द भरे गीत में एक अलग सी मिठास है. शंकर एहसान लॉय के जाने पहचाने अंदाज़ का है ये गीत, जिसे उतनी ही दिलकश आवाज़ में गाया निभाया है मोहन ने. मोहन, शंकर एहसान लॉय के बेहद चहेते गायक हैं, और हो भी क्यों न....मोहन की आवाज़ और अदायगी में गजब की रवानगी है. वैसे ये गीत एक युगल है जहाँ मोहन को साथ मिला है यशिता शर्मा ने. इस गीत में सबसे बड़ा कमाल रहा है गीतकार अमिताभ भट्टाचार्य का, जो शायद इस संगीतकार तिकड़ी के साथ पहली बार जुड़े हैं इस फिल्म में, जिसका नाम है २ स्टेस्ट्स .   २ स्टेट्स  चेतन भगत के इसी नाम के मशहूर उपन्यास पर आधारित है, जहाँ दक्षिण की नायिका को पंजाब के नायक से प्यार हो जाता है. ये बिलकुल उसके उलट है जैसा कि दर्शक सुपर हिट एक दूजे के लिए  में देख चुके हैं. अगर आपने चेतान का उपन्यास पढ़ा है तो आप जानते होंगें कि कहानी में बहुत से दिलचस्प मौके हैं जो बड़े परदे पर भी आपको भायेगें. थ्री इडियट्स ,  औ