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'सिने पहेली' में आज प्रस्तुत है गणतंत्र दिवस विशेष...

सिने पहेली –98 'सिने पहेली' के सभी प्रतियोगियों व पाठकों को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार! दोस्तों, कल 26 जनवरी, गणतंत्र दिवस है। इस शुभवसर पर हम आप सभी को हार्दिक शुभकामनायें देते हैं और आज की 'सिने पहेली' को समर्पित करते हैं देश के नाम। हिंदी सिनेमा में शुरू से ही देशभक्ति फ़िल्मों और देशभक्ति गीतों का चलन रहा है। ब्रिटिश शासन के दौरान भले ही देश भक्ति फ़िल्मों की संख्या उतनी न रह सकी हों, पर स्वाधीनता के बाद हर दशक में बहुत सारी देशभक्ति फ़िल्में बनीं व देशभक्ति के गीत लिखे गये जिन्होंने सिनेमा के इस जौनर को समृद्ध तो किया ही, साथ ही समाज को, नई पीढ़ी को अपने देश के प्रति कर्तवियों से अवगत करवाया। ऐसे फ़िल्मकारों और गीतकारों के हम आभारी हैं जिन्होंने इस दिशा में उल्लेखनीय क़दम उठाये। आज इस अंक के माध्यम से हम उन सभी फ़िल्मकारों और गीतकारों को झुक कर सलाम करते हैं। आज की पहेली में पूछे जाने वाले सवाल भी ऐसे ही देशभक्ति फ़िल्मों और गीतों पर आधारित हैं। आशा है आप सब आसानी से इन्हें सुलझा सकेंगे। तो चलिये, शुरू किया जाये आज क

धूम मचाती कमली ओर यारियाँ का अल्लाह वारियाँ

ताज़ा सुर ताल - 2014 -03  ताज़ा सुर ताल की नई कड़ी में आप सब का स्वागत है, नए साल के पहले महीने में भी धूम ३ की धूम जारी है. कहना गलत नहीं होगा कि फिल्म की सफलता में इसके संगीत की भी जबरदस्त भूमिका रही है. धूम ३ से एक ओर धमाकेदार गीत लेकर आज हम हाज़िर हैं. सुनिधि चौहान के क्या कहने, आईटम गीतों के लिए तो वो संगीत निर्देशकों की पहली पसंद मानी जा सकती हैं. यूँ धूम ३ के इस गीत को पूरी तरह एक आईटम गीत भी नहीं कहा जा सकता, पर सुनिधि ने गीत में जो ऊर्जा फूंकी है वो अविश्वसनीय है. गीत की आरंभिक पक्तियों से ही वो श्रोताओं को अपने साथ जोड़ लेती है ओर अगले ४ मिनट तक उस पकड़ में कहीं कोई लचक नहीं छूटती. इस गीत का जिक्र हो ओर प्रीतम दा के अद्भुत संगीत संयोजन की तारीफ न हो ये संभव नहीं है. ये गीत वेस्टर्न रिदम पर शुद्ध भारतीय वाद्यों की जबरदस्त जुगलबंदी करता है. गीत के प्रिल्यूड में ओर इंटरल्यूड में सितार का प्रयोग तो लाजवाब है. सुनिए ये दमदार गीत जिसे लिखा है समीर साहब ने.     नए साल की पहली हिट फिल्म है टीनएज लव की दास्ताँ कहती टी सीरीस की यारियाँ . इस फिल्म के गीत भी खासा पसंद किये

याद करें संगीतकार जोड़ी हुस्नलाल भगतराम को इस गीत के साथ

खरा सोना गीत - चुप चुप खड़े हो  प्रस्तोता - रचेता टंडन स्क्रिप्ट - सुजॉय चट्टर्जी  प्रस्तुति - संज्ञा टंडन 

रागमाला गीत -2 : प्लेबैक इण्डिया ब्रोडकास्ट

प्लेबैक इण्डिया ब्रोडकास्ट रागो के रंग, रागमाला गीत के संग – 2 राग भटियार, रामकली, देशी, शुद्ध सारंग, मुलतानी, यमन, बागेश्री और चन्द्रकौंस की छटा बिखेरता रागमाला गीत दो उस्तादों के गायन और वादन की अनूठी जुगलबन्दी फिल्म : गूँज उठी शहनाई संगीतकार : बसन्त देसाई गायक : उस्ताद अमीर खाँ शहनाई वादक : उस्ताद बिस्मिल्लाह खाँ आलेख : कृष्णमोहन मिश्र स्वर एवं प्रस्तुति : संज्ञा टण्डन 

लघु बोधकथा: मुनीश शर्मा

इस साप्ताहिक स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको हिन्दी में मौलिक और अनूदित, नई और पुरानी, प्रसिद्ध कहानियाँ और छिपी हुई रोचक खोजें सुनवाते रहे हैं। पिछली बार आपने अर्चना चावजी के स्वर में मनमोहन भाटिया की कथा " बड़ी दादी " का पाठ सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं मुनीश शर्मा द्वारा शब्दबद्ध आजके राजनीतिक परिदृश्य पर खरी उतरती एक लघु बोधकथा जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। इस "लघु बोधकथा" का कुल प्रसारण समय 2 मिनट 16 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। अपनी मनमोहक वाणी के लिए प्रसिद्ध मुनीश शर्मा आजकल रेडियो जापान के हिन्दी विभाग में कार्यरत हैं और टोक्यो में रहते हैं। उनका ब्लॉग मयखाना है। हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कहानी वह आने जाने वालों को सीं

मदन मोहन का रचा एक मास्टरपीस गीत

खरा सोना गीत - आप क्यों रोये  प्रस्तोता - मीनू सिंह  स्क्रिप्ट - सुजॉय चट्टर्जी  प्रस्तुति - संज्ञा टंडन 

पण्डित पलुस्कर और तुलसी के राम

    स्वरगोष्ठी – 151 में आज रागों में भक्तिरस – 19 राम की बाललीला के चितेरे तुलसीदास को पलुस्कर जी ने गाया  ‘ठुमक चलत रामचन्द्र बाजत पैजनिया...’ ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर जारी लघु श्रृंखला ‘रागों में भक्तिरस’ की उन्नीसवीं कड़ी के साथ मैं कृष्णमोहन मिश्र, आप सब संगीत-रसिकों का हार्दिक अभिनन्दन करता हूँ। मित्रों, इस श्रृंखला के अन्तर्गत हम आपके लिए भारतीय संगीत के कुछ भक्तिरस प्रधान राग और कुछ प्रमुख भक्त कवियों की रचनाएँ प्रस्तुत कर रहे हैं। साथ ही उस भक्ति रचना के फिल्म में किये गए प्रयोग भी आपको सुनवा रहे हैं। श्रृंखला की पिछली कड़ी में हमने आपको सोलहवीं शताब्दी के कृष्णभक्त कवि सूरदास के एक लोकप्रिय पद- ‘मैया मोरी मैं नहीं माखन खायो...’ पर सांगीतिक चर्चा की थी। यह पद कृष्ण की माखन चोरी लीला का वात्सल्य भाव से अभिसिंचित है। इसी क्रम में आज की कड़ी में हम राम की बाललीला का आनन्द लेंगे। गोस्वामी तुलसीदास अपने राम को ठुमक कर चलते हुए और पैजनी की मधुर ध्वनि बिखेरते हुए देखते हैं। तुलसीदास के इस पद को भारतीय संगीत क