Skip to main content

Posts

'सिने पहेली' में आज आप पर फेंक रहे हैं गीतों भरी गूगली

सिने पहेली – 81     'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी पाठकों और श्रोताओं को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार। दोस्तों, एक लम्बे अन्तराल के बाद मैं वापस 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के मंच पर उपस्थित हुआ हूँ, और 'सिने पहेली' में वापस आकर मुझे बेहद ख़ुशी हो रही है। सबसे पहले मैं अमित तिवारी जी का तहेदिल से शुक्रिया अदा करता हूँ कि उन्होंने मेरी अनुपस्थिति में 'सिने पहेली' के सफ़र को जारी तो रखा ही, इसके मिज़ाज को ज़रा सा भी ठंडा नहीं पड़ने दिया और इस मुकाबले की रोचकता को बनाये रखा। पिछले दिनों सरताज प्रतियोगी को एक अंक दिये जाने के सुझाव पर मतभेद सामने आया है। अत: हमारे सम्पादक मण्डल ने सर्वसम्मति से सरताज प्रतियोगी को एक अंक दिये जाने का प्रस्ताव रद्द कर दिया है। साथ ही यह निर्णय लिया है कि अब 'सिने पहेली' की समाप्ति तक इसके किसी भी नियम में न तो फेर-बदल किये जायेंगे और न ही कोई नया नियम लागू होगा। आशा है इस फ़ैसले का सभी प्रतियोगी समर्थन करेंगे। आइए सबसे पहले आपको बतायें पिछले सप्ताह पूछे गए सवालों के सही जवाब...

लव की घंटी बजा रहे हैं ललित कुछ 'बेशरम' होकर

90 के दशक की सबसे बड़ी हिट फिल्मों में इस जोड़ी का संगीत था, दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे , कुछ कुछ होता है, जो जीता वही सिकंदर  जैसी फिल्मों के नाम जुबाँ पे आते ही याद आते हैं जतिन ललित. फना   के बाद दोनों भाईयों ने अलग अलग काम करने का फैसला लिया, और अब एक लंबे अरसे बाद ललित लौटे हैं रणबीर कपूर अभिनीत बेशरम   के साथ. देखें क्या ललित अकेले दम पर वही पुराना सुरीला जादू फिर से पैदा कर पाए हैं या नहीं.     जैसा कि हम बता चुके हैं कि ललित फिल्म के प्रमुख संगीतकार हैं पर यहाँ एक अतिथि संगीतकार के रूप में इश्क बेक्टर भी मौजूद हैं और इन्हीं का है शीर्षक गीत बेशरम . धुन कैची है, शब्द बेतरतीब हैं, ८० के दशक जैसा टेम्पो है गीत का, और फिल्म के शीर्षक गीत के रूप में एकदम सटीक है. रणबीर पर फिल्माए ताजा हिट गीत दिल्ली वाली गर्ल फ्रेंड   की तर्ज पर ही लगता है हम लुट गए रे पिया आके तेरे मोहल्ले   गीत भी. तेज रिदम पर ममता शर्म और एश्वर्या निगम की दिलफेंक गायकी गीत को एक चार्टबस्टर बनाने में पूरी तरह समर्थ है. किशोर कुमार के चुलबले गीतों का अंदाज़ झलकता है लव की घंटी    गीत में. सुजीत शेट्टी

कब तक न हँसेगी गुडिया...

रूठ जाए कभी जो नन्हीं गुडिया तो उसे मनाने से बड़ा कोई काम नहीं. वो हंसी जो नित होंठो पर खिली मिलती है कुछ पल को कभी पलकों के तले तो कभी आँखों के किनारे छुप सी जाती है, पर यकीन मानिये वो लौट भी आती है झट से अगर उसे इस तरह बुलाओगे तो....सुनिए लता के स्वरों में एल पी का रचा, मजरूह का लिखा ये नटखट सा गीत, प्रस्तुतकर्ता हैं अर्शिना सिंह   

मुंशी प्रेमचंद की मोटर की छींटें

इस लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा के स्वर में रयुनासुके अकुतागावाकी जापानी कहानी " संतरे " का हिंदी अनुवाद सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखित व्यंग्यात्मक कहानी मोटर की छींटें जिसे स्वर दिया है माधवी चारुदत्ता ने। प्रस्तुत व्यंग्य का गद्य " भारत डिस्कवरी " पर उपलब्ध है। " मोटर की छींटें " का कुल प्रसारण समय 11 मिनट 17 सेकंड है। सुनिए और बताइये कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। मैं एक निर्धन अध्यापक हूँ ... मेरे जीवन मैं ऐसा क्या ख़ास है जो मैं किसी से कहूं  ~ मुंशी प्रेमचंद (१८८०-१९३६) हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कहानी "जजमान का दिल देखकर ही मैं उनका नि

स्वरगोष्ठी – 137 में आज : ‘मन रे हरि के गुण गा...’

  स्वरगोष्ठी – 137 में आज रागों में भक्तिरस – 5 ध्रुवपद अंग में राग भैरव का रंग ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ पर जारी लघु श्रृंखला ‘रागों में भक्तिरस’ की पाँचवीं कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र, एक बार पुनः आप सब संगीत-रसिकों का स्वागत करता हूँ। इस श्रृंखला के अन्तर्गत हम आपके लिए संगीत के कुछ भक्तिरस प्रधान राग और उनमें निबद्ध रचनाएँ प्रस्तुत कर रहे हैं। साथ ही उस राग पर आधारित फिल्म संगीत के उदाहरण भी आपको सुनवा रहे हैं। श्रृंखला के आज के अंक में हम आपसे राग भैरव पर चर्चा करेंगे जो भक्तिरस की सृष्टि करने में सबसे उपयुक्त राग है। भारतीय संगीत के इस प्राचीनतम राग में आज हम आपको एक ध्रुवपद रचना सुनवाएँगे। साथ ही इस राग पर आधारित, 1957 में प्रदर्शित फिल्म ‘मुसाफिर’ से एक मधुर भक्तिगीत प्रस्तुत करेंगे।   इ स श्रृंखला के पिछले अंकों में हम यह चर्चा कर चुके हैं कि वर्तमान भारतीय संगीत की परम्परा वैदिक काल से जुड़ी है। उस काल के उपलब्ध प्रमाणों से यह स्पष्ट हो जाता है कि तत्कालीन संगीत का स्वरूप धर्म और आध्यात्म से प्रभावित था। वैदि

सिने पहेली – 80 - गीत अपने धुन पराई

सिने पहेली – 80     दोस्तों सिने पहेली के आठवें सेगमेंट की अंतिम कड़ी में सभी प्रतियोगियों का स्वागत है.   हिन्दी संगीतकारों पर अकसर आरोप लगता है कि वो विदेशी गानों से धुनें चुरा कर संगीत रचते हैं. हिन्दी संगीतकार इसे प्रेरणा का नाम देते हैं.  आज की  पहेली इसी पर आधारित है. हम आपको कुछ विदेशी गाने सुनाएँगे. आपको  इन विदेशी गानों को  पहचानना है और साथ ही वह हिन्दी फ़िल्मी गीत जो इन गानों  से प्रेरित है.  विदेशी गाने के लिए 1 अंक और हिन्दी गाने के लिए 1 अंक. हर सवाल के 2 अंक हैं और इस तरह यह अंक 20 अंको का है.  इस बार के सरताज विजेता हैं प्रकाश गोविन्द जी. बहुत बहुत बधाई आपको. अभी तक  प्रकाश जी बढ़त बनाये हुए हैं लेकिन पंकज मुकेश जी उन्हें कड़ी टक्कर दे रहे हैं. अगले अंक में हमें इस सेगमेंट का विजेता मिल जायेगा.  आ ज की पहेली के लिए आप सबको शुभकामनाएँ। इस बार के प्रतियोगियों के अंक आप सवालों के बाद देख सकते हैं। इस अंक से प्रतियोगिता में जुड़ने वाले नये खिलाड़ियों का स्वागत करते हुए हम उन्हें यह भी बताना चाहेंगे कि अभी भी कुछ देर नहीं हुई है

भरपूर नाच गाना और धमाल है 'फटा पोस्टर निकला हीरो' में

रा ज कुमार संतोषी के निर्देशन में आ रहे हैं शहीद कपूर और इलियाना डी'क्रूस लेकर फिल्म फटा पोस्टर निकला हीरो . फिल्म में संगीत का जिम्मा संभाला है प्रीतम और अमिताभ भट्टाचार्य की सफल जोड़ी ने जिनके हौसले  ये जवानी है दीवानी   के बाद बुलंदी पर होंगें. आईये तफ्तीश करें इस ताज़ा एल्बम के संगीत की और देखें कि क्या कुछ है नया इस पेशकश में.  मिका कभी भी प्रीतम के साथ दगा नहीं करते, जब भी प्रीतम ऐसे गीत बनाते हैं जहाँ सब कुछ गायक की क्षमता पर निर्भर हो वो मिका को चुनते हैं और हर बार की तरह मिका ने पहले गीत तू मेरे अगल बगल है में अपना चिर परिचित मस्तानगी भरी है, धुन बहुत ही कैची है. शब्द भी उपयुक्त ही हैं, पर अंगेजी शब्दों की भरमार है.  मैं रंग शरबतों का  प्रीतम मार्का गीत है. जिसके दो संस्करण हैं. एक आतिफ असलम तो एक अरिजीत की आवाज़ में. मधुर रोमांटिक गीत है. कोरस का इस्तेमाल सुन्दर है.  बेनी दयाल और और शेफाली की आवाजों में हे मिस्टर डी जे   एक ताज़ा हवा के झोंके जैसा है, जहाँ शेफाली की आवाज़ कमाल का समां रचती है. प्रीतम दा यहाँ पूरी तरह फॉर्म में है. नई ऊर्जा, नई ध्वनियाँ इ