ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 425/2010/125 क ल्याणजी-आनंदजी के संगीत सफ़र के विशाल सुर-भण्डार से १० मोतियाँ चुन कर उन पर केन्द्रित लघु शृंखला 'दिल लूटने वाले जादूगर' को इन दिनों हम 'ओल्ड इज़ गोल्ड' पर चला रहे हैं। पिछले चार दिनों से हमने ६० के दशक के गानें सुनें, आइए आज हम आगे बढ़ निकलते हैं ७० के दशक में। ७० का दशक एक ऐसा दशक साबित हुआ कि जिसमें ५० और ६० के दूसरे अग्रणी संगीतकार कुछ पीछे लुढ़कते चले गए, और जिन तीन संगीतकारों के गीतों ने लोगों के दिलों पर व्यापक रूप से कब्ज़ा जमा लिया, वो संगीतकार थे राहुल देव बर्मन, लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल और कल्याणजी-आनंदजी। इन तीनों संगीतकारों ने इस दशक में असंख्य हिट गीत दिए और अपार शोहरत हासिल की। आज हमने जिस गीत को चुना है, वह है फ़िल्म 'ब्लैकमेल' का अतिपरिचित "पल पल दिल के पास तुम रहती हो"। किशोर कुमार और कल्याणजी-आनंदजी के कम्बिनेशन के गानों का ज़िक्र हो और इस गाने की बात ना छिड़े यह असंभव है। १९७३ की फ़िल्म 'ब्लैकमेल' का यह गीत फ़िल्माया गया था, जी नहीं, धर्मेन्द्र पर नहीं, बल्कि राखी पर। राखी को अपने प्रेमी ध