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ए आर रहमान और हरिहरन के दीवाने हैं - निखिल

आवाज़ पर इस हफ्ते के सितारे हैं, निखिल वर्गीस राजन. १७ वर्षीया निखिल मूल रूप से एक संगीतकार और गायक हैं, जिनकी मात्रभाषा मलयालम है. की बोर्ड और तबला इनका प्रिय वाद्य-यन्त्र है, अरूधंती राय की पुस्तकें पढ़ना इन्हें पसंद हैं और क्रिकेट और फुटबाल खेलने का भी शौक रखते हैं, संगीतकारों/गायकों में इन्हें ए आर रहमान और हरिहरन सबसे अधिक भाते हैं, केरल के कोठाराकरा में इनका घर है, मगर आज कल अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं कोयम्बतूर, तमिल नाडू के करुणया महाविद्यालय से, इनका पहला गीत जो इन्होने युग्म के लिए किया वो है " संगीत दिलों का उत्सव है ", जिसमें इनका काम बेहद सराहा गया, जब उनसे हिंद युग्म की टीम ने पूछा कि कैसा रहा, उनका अनुभव हिंद युग्म के लिए इस गीत को बनाने में तो उन्होंने अपनी बात इस तरह रखी, पढ़िए उन्हीं की ज़ुबानी - hi, namaskaar…..I am Nikhil Varghese Rajan, the composer of this song. I am doing my B-Tech in Karunya Univesity ,Coimbatore.I am very happy that you guys gave a good response for my first song. My whole hearted thanks for this encouragement. I am very proud

संगीत दिलों का उत्सव है - संगीत के नए सत्र की पहली सौगात

मित्रों, आज से आवाज़ पर शुरू हो रहा है, संगीत का एक नया उत्सव," पहला सुर " के कामियाब प्रयोग के बाद संगीत का ये नया सत्र शुरू करते हुए, हिंद युग्म उम्मीद करता है कि इस सत्र में प्रस्तुत होने वाले सभी गीत आपको और अधिक पसंद आयेंगे, जो संगीतकार हमारे साथ पहली एल्बम में जुड़े थे उनके भी संगीत में आप गजब की परिपक्वता देंखेंगे और उससे भी ज्यादा खुशी की बात यह है कि जो नए संगीतकार इस बार जुड़े हैं, सभी नौजवान हैं और बेहद गुणी हैं अपने फन में. संयोगवश जिस गीत को हमने इस सत्र की शुरुवात करने के लिए चुना है, वो भी दस्तक है एक नए युवा संगीतकार जोड़ी की, जो दूर केरल के दो प्रान्तों में रहते हैं और कोयम्बतूर के करुणया महाविद्यालय से b-tech की पढ़ाई कर रहे हैं, इनके नाम है निखिल और चार्ल्स , निखिल के संगीत में जहाँ बारिश में भीगी मिटटी की सौंधी सौंधी महक मिलेगी आपको, तो चार्ल्स के गायन में किसी निर्झर सा प्रवाह, एक और आवाज़ है इस गीत में, गायिका मिथिला की, जिन्होंने बाखूबी साथ दिया है इस जोड़ी का, इस गीत को और खूबसूरत बनाने में, सजीव सारथी के लिखे, इस गीत को अपने एक दोस्त के होम स्टूडियो में

पॉडकास्ट पर संगीतबद्ध गीतों, कवि-सम्मेलनों, बालोपयोगी सामग्रियों और कहानियों का प्रसारण

दोस्तो, हिन्द-युग्म यह संकल्प लेकर चला है कि अपने प्रयासों में दिवस प्रति दिवस गुणात्मक सुधार हो। ३ फरवरी २००८ को पहला म्यूजिक एल्बम 'पहला सुर' रीलिज करने के बाद हिन्द-युग्म अब ऐसे हज़ारों एल्बम निकालने का इरादा रखता है, ताकि हिन्दी और इसके अच्छे साहित्य को अधिक से अधिक पापुलर किया जा सके। आज से अपने इस आवाज़ पृष्ठ पर स्थाई तौर पर ४ स्थाई कार्यक्रम जोड़ रहे हैं। १) प्रत्येक शुक्रवार नये संगीतबद्ध गीत का प्रकाशन २) महीने के अंतिम रविवार को पॉडकास्ट कवि सम्मेलन का प्रसारण ३) महीने में कम से कम दो बाल-साहित्य के पॉडकास्ट का प्रसारण ४) प्रत्येक माह एक कहानी के पॉडकास्ट का प्रसारण संगीतबद्ध गीत के लिए- संगीतबद्ध गीत के लिए ७ पुराने संगीतकारों के अतिरिक्त हमने ३ नये संगीतकार (सुभोजेत, निखिल/चार्ल्स और अनुरूप) को जोड़ा है जो बहुत से गीतों पर काम कर रहे हैं। हमारी कोशिश है कि हम उभरते हुए गायकों, संगीतकारों और गीतकारों को इस महाअभियान से एक महामंच दे पाये। भविष्य के उदियमान सितारे बनें। इसके लिए हमने जजों की एक खास टीम बनाई है। निर्णायक मंडली में विविध भारती रेडियो के सुप्रसिद्ध रेडियो

आलोक शंकर का रेडियो काव्यपाठ

भारतीय समयानुसार २ जून २००८ की सुबह ८ बजे डैलास, अमेरिका के हिन्दी एफ॰एम॰ रेडियो सलाम नमस्ते पर हिन्द-युग्म के प्रथम यूनिकवि आलोक शंकर का काव्यपाठ और बातचीत प्रसारित किए गये। हमने रिकॉर्ड करने की कोशिश की। हम इस भ्रम में रहे कि पूरा कवितांजलि कार्यक्रम रिकॉर्ड हो रहा है, परंतु तकनीकी असावधानियों के कारण ठीक से रिकॉर्ड नहीं कर सके। हिन्द-युग्म की स्थाई पाठिका रचना श्रीवास्तव ने आलोक शंकर का हौसला बढ़ाने के लिए फोन भी किया, मगर वो भी रिकॉर्ड न हो सका। जितना हो पाया है, आपके समक्ष प्रस्तुत है, ज़रूर बताये कैसा लगा? प्लेयर से न सुन पा रहे हों तो यहाँ से डाऊनलोड कर लें। Kavya-path of Alok Shankar on Radio Salaam Namaste

तुषार जोशी की आवाज़, मनीष वंदेमातरम् के शब्द

हिन्द-युग्म पर पॉडकास्टिंग की शुरूआत १५ फरवरी २००७ को तुषार जोशी ने अपने पॉडकास्ट ब्लॉग Audio Experiments पर मनीष वंदेमातरम् की कविता 'आवोगी ना' से की थी। इस पॉडकास्ट को ३०० से अधिक लोगों ने डाऊनलोड किया। हमने सोचा कि हिन्द-युग्म के पॉडकास्ट के स्थाई पेज़ 'आवाज़' पर इधर-उधर बिखरे पड़े पॉडकास्ट को लाकर संग्रकित करना उचित होगा ताकि श्रोताओं को सारी सामग्री एक जगह मिल जाय। सुनिए मनीष की कविता 'आवोगी ना' का पॉडकास्ट तुषार जी की ही आवाज़ में मनीष की दो अन्य कविताएँ सुनें- चाहता हूँ मैं सनीचरी हिन्द-युग्म के ढेरों पॉडकास्ट यहाँ उपलब्ध हैं।

KAVI.COM की शुरूआत

सामुदायिक रेडियो डीयू-एफ॰एम॰ पर प्रति सप्ताह प्रसारित होने वाले कार्यक्रम कवि डॉट कॉम का गणतंत्र दिवस विशेषांक आपने आवाज़ पर सुना और सराहा भी। बहुत सौभाग्य की बात है कि इस कार्यक्रम की शुरूआत हिन्द-युग्म के कवियों से ही हुई थी। एक ही साथ दो एपीशोडों की रिकॉर्डिंग हुई थी। जिसमें हिन्द-युग्म की ओर से अभिषेक पाटनी , मनीष वंदेमातरम् , विपिन चौहान 'मन' , शैलेश भारतवासी और अजय यादव ने भाग लिया। आप भी सुनें और बतायें कि हिन्दी कविता को समर्पित इस कार्यक्रम की शुरूआत को शानदार बनाने में हिन्द-युग्म के कवियों की कितनी भूमिका रही। नीचे के प्लेयर से सुनें. (प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर 'प्ले' पर क्लिक करें।) यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंकों से डाऊनलोड कर लें (ऑडियो फ़ाइल तीन अलग-अलग फ़ॉरमेट में है, अपनी सुविधानुसार कोई एक फ़ॉरमेट चुनें) VBR MP3 64Kbps MP3 Ogg Vorbis Kavya-path of many poets of Hind-Yugm @ Kavi.Com (a special programme of DU-FM

मातृ दिवस पर गौरव सोलंकी और विपुल शुक्ला का काव्य-पाठ

डैलास, अमेरिका के हिन्दी एफ॰एम॰ चैनल रेडियो सलाम नमस्ते के कार्यक्रम में 11 मई 2008 की रात्रि 9 बजे (भारतीय समयानुसार 12 मई 2008 की सुबह 7:30 बजे) मातृ दिवस पर आयोजित 'कवितांजलि' के विशेष अंक में हिन्द-युग्म की ओर से गौरव सोलंकी और विपुल शुक्ला ने काव्यपाठ किया। गौरव सोलंकी और विपुल शुक्ला के प्रोत्साहन के लिए हिन्द-युग्म की स्थाई पाठिका रचना श्रीवास्तव ने फोन करके दोनों को बधाइयाँ दी, उसे भी हमने रिकार्ड किया है, लेकिन वो ठीक से रिकार्ड नहीं हो पाया है। अमेरिका के ही पेशे से कवि हृदयी डॉक्टर कमल किशोर ने भी अपने काव्यपाठ के बाद गौरव सोलंकी की कविता की सराहना की। इस कार्यक्रम का संचालन श्री आदित्य प्रकाश करते हैं। नीचे के प्लेयर से सुनें. (प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर 'प्ले' पर क्लिक करें।) यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंकों से डाऊनलोड कर लें (ऑडियो फ़ाइल तीन अलग-अलग फ़ॉरमेट में है, अपनी सुविधानुसार कोई एक फ़ॉरमेट चुनें) VBR MP3 64Kbps MP3 Ogg Vorbis Gaurav Solnaki's & Vipul Shukla's Kavyapaath