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ऐक्शन रिप्ले के सहारे इरशाद कामिल और प्रीतम ने बाकी गीतकार-संगीतकार जोड़ियों को बड़े हीं जोर का झटका दिया

ताज़ा सुर ताल ४२/२०१० सुजॊय - 'ताज़ा सुर ताल' की एक और कड़ी के साथ हम हाज़िर हैं, और आप सभी का हार्दिक स्वागत है इस साप्ताहिक स्तंभ में! विश्व दीपक जी, पता है जब भी मैं इस स्तंभ के लिए आप से बातचीत का सिलसिला शुरु करता हूँ तो मुझे क्या याद आता है? विश्व दीपक - अरे पहले मुझे सभी को नमस्ते तो कह लेने दो! सभी पाठकों व श्रोताओं को मेरा नमस्कार और सुजॊय, आप को भी! हाँ, अब बताइए आप को किस बात की याद आती है। सुजॊय - जब मैं छोटा था, और गुवाहाटी में रहता था, तो उस ज़माने में तो फ़िल्मी गानें केवल रेडियो पर ही सुनाई देते थे, तभी से मुझे रेडियो सुनने में और ख़ास कर फ़िल्म संगीत में दिलचस्पी हुई। तो आकाशवाणी के गुवाहाटी केन्द्र से द्पहर के वक़्त दो घंटे के लिए सैनिक भाइयों का कार्यक्रम हुआ करता था (आज भी होता है) , जिसके अंतर्गत कई दैनिक, साप्ताहिक और मासिक कार्यक्रम प्रस्तुत होते थे फ़िल्मी गीतों के, कुछ कुछ विविध भारती अंदाज़ के। तो हर शुक्रवार के दिन एक कार्यक्रम आता था 'एक ही फ़िल्म के गीत', जिसमें किसी नए फ़िल्म के सभी गीत बजाए जाते थे। तो गर्मी की छुट्टियों में या कभी भी ज

कैलाश खेर की सूफियाना आवाज़ है "अ फ़्लैट" मे तो वहीं ज़िंदगी से भरे कुछ गीत हैं "लाइफ़ एक्सप्रेस" में

ताज़ा सुर ताल ३९/२०१० विश्व दीपक - 'ताज़ा सुर ताल' के सभी श्रोताओं व पाठकों को मेरा नमस्कार और सुजॊय जी, आपको भी! सुजॊय - नमस्कार! विश्व दीपक जी, आज भी हम पिछले हफ़्ते की तरह दो फ़िल्में लेकर हाज़िर हुए हैं। साल के इन अंतिम महीनो में बहुत सी फ़िल्में प्रदर्शित होती हैं, और इसीलिए बहुत से नए फ़िल्मों के गानें इन दिनों जारी हो रहे हैं। ऐसे में ज़रूरी हो गया है कि जहाँ तक सभव हो हम दो दो फ़िल्मों के गानें इकट्ठे सुनवाएँ। आज के लिए जिन दो फ़िल्मों को हमने चुना है, उनमें एक है ख़ौफ़ और मौत के करीब एक कहानी, और दूसरी है ज़िंदगी से लवरेज़। अच्छा विश्व दीपक जी, क्या आप भूत प्रेत पर यकीन रखते हैं? विश्व दीपक - देखिए, यह एक ऐसा विषय है कि जिस पर घण्टों तक बहस की जा सकती है। बस इतना कह सकता हूँ कि गीता में यही कहा गया है कि आत्मा अजर और अमर है, वह केवल शरीर बदलता रहता है। वैज्ञानिक दृष्टि से इसका क्या एक्स्प्लेनेशन है, यह तो विज्ञान ही बता सकता है। सुजॊय - चलिए इतन बताइए कि फ़िल्मी आत्माओं के बारे में आपके क्या विचार हैं? विश्व दीपक - हाँ, यह एक मज़ेदार सवाल आपने पूछा है। एक पुरानी ह