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रागमाला गीत -2 : प्लेबैक इण्डिया ब्रोडकास्ट

प्लेबैक इण्डिया ब्रोडकास्ट रागो के रंग, रागमाला गीत के संग – 2 राग भटियार, रामकली, देशी, शुद्ध सारंग, मुलतानी, यमन, बागेश्री और चन्द्रकौंस की छटा बिखेरता रागमाला गीत दो उस्तादों के गायन और वादन की अनूठी जुगलबन्दी फिल्म : गूँज उठी शहनाई संगीतकार : बसन्त देसाई गायक : उस्ताद अमीर खाँ शहनाई वादक : उस्ताद बिस्मिल्लाह खाँ आलेख : कृष्णमोहन मिश्र स्वर एवं प्रस्तुति : संज्ञा टण्डन 

Raagmaala 2 उस्ताद बिस्मिल्लाह खाँ के जन्मदिवस पर विशेष

स्वरगोष्ठी – 112 में आज रागों के रंग रागमाला गीत के संग - 2 फिल्म 'गूँज उठी शहनाई 'के रागमाला गीत में दो उस्तादों की अनूठी जुगलबन्दी आज ‘स्वरगोष्ठी’ के एक ताज़ा अंक में मैं कृष्णमोहन मिश्र आप सभी संगीत-प्रेमियों की इस गोष्ठी में एक और रागमाला गीत लेकर उपस्थित हुआ हूँ। आज का यह रागमाला गीत हमने 1959 में प्रदर्शित संगीत-प्रधान फिल्म ‘गूँज उठी शहनाई’ से लिया है। यह गीत दो कारणों से आज के अंक को विशेष बनाता है। पहली विशेषता यह है कि इसे भारतीय संगीत-जगत के दो दिग्गज उस्तादों- उस्ताद अमीर खाँ और उस्ताद बिस्मिल्लाह खाँ ने जुगलबन्दी के रूप में प्रस्तुत किया है। दूसरी विशेषता यह है कि आगामी गुरुवार, 21 मार्च को शहनाई-वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खाँ की 98वीं जयन्ती है। रागमाला का यह गीत आज हम उन्हीं उस्ताद शहनाईनवाज़ को स्वरांजलि-स्वरूप प्रस्तुत कर रहे हैं। बसन्त देसाई व र्ष 1959 में प्रदर्शित संगीत-प्रधान फिल्म ‘गूँज उठी शहनाई’ का कथानक एक प्रेम त्रिकोण पर आधारित है, परन्तु फिल्म का नायक किशन (राजेन्द्र कुमार) सांगीतिक प्रतिभा से सम्पन्न कुशल शह

दिन के तीसरे प्रहर के कुछ मोहक राग

  स्वरगोष्ठी- 105 में आज राग और प्रहर – 3 कृष्ण की बाँसुरी और राग वृन्दावनी सारंग   ‘स्वरगोष्ठी’ के 105वें अंक में , मैं कृष्णमोहन मिश्र आप सब संगीत-प्रेमियों का हार्दिक अभिनन्दन करता हूँ। इन दिनों आपके इस प्रिय स्तम्भ में लघु श्रृंखला ‘राग और प्रहर’ जारी है। गत सप्ताह हमने आपसे दिन के दूसरे प्रहर के कुछ रागों के बारे में चर्चा की थी। आज दिन के तीसरे प्रहर गाये-बजाये जाने वाले रागों पर चर्चा की बारी है। दिन का तीसरा प्रहर, अर्थात मध्याह्न से लेकर अपराह्न लगभग तीन बजे तक की अवधि के बीच का माना जाता है। इस अवधि में सूर्य की सर्वाधिक ऊर्जा हमे मिलती है और इसी अवधि में मानव का तन-मन अतिरिक्त ऊर्जा संचय भी करता है। आज के अंक में हम आपके लिए तीसरे प्रहर के रागों में से वृन्दावनी सारंग, शुद्ध सारंग, मधुवन्ती और भीमपलासी रागों की कुछ रचनाएँ प्रस्तुत करेंगे। सा रंग अंग के रागों में वृन्दावनी सारंग और शुद्ध सारंग राग तीसरे प्रहर के प्रमुख राग माने जाते हैं। यह मान्यता है कि श्रीकृष्ण अपनी प्रिय बाँसुरी पर वृन्दावनी सारंग और मेघ राग की अवतारणा कि