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Showing posts with the label short film series

लघु फिल्म "इन्बोक्स" में संगीत है बालमुरली बालू का

दोस्तों कल विश्व पर्यावरण दिवस था, और हमारे प्लेबैक इंडिया संगीतकार बालमुरली बालू ने कुछ समय पहले इसी मुहीम का समर्थन करते हुए एक गीत रचा था " Go Green ", जिसे आप यहाँ सुन सकते हैं. वैसे बालमुरली प्लेबैक इंडिया के लिए इससे पहले " बुलबुला " गीत भी रच चुके हैं. आप सोच रहे होंगें कि आज हम बालमुरली का जिक्र क्यों यहाँ कर रहे हैं. दरअसल हमें खुशी और फक्र दोनों है इस बात का कि हमारे ये सभी संगीतकार आजकल कुछ नया, कुछ अलग और कुछ बड़ा कर रहे हैं जिसमें उनकी काबलियत और भी खुल के निखर रही है. अभी हाल ही में बाला ने एक लघु फिल्म के लिए पार्श्व संगीत दिया है. आज हम येही लघुफिल्म आपके साथ बांटना चाहते हैं. इस फिल्म की एक और खासियत है कि इसमें कोई संवाद नहीं है. 'Inbox' is a Fantasy / Love story made for Naalaya Iyakunar Season 3, winning the Best short film of the week and Best actor awards in the Fantasy round. Sometimes silence speaks more than words. 'Inbox' is a short film with no dialogues at all. Cast Karthik Yogi Shwetha Gupta Written and Directed by

tERRORISM - एक लघु फिल्म

"बीट ऑफ इंडियन यूथ" एक संगीतमय प्रोजेक्ट है जिसे रेडियो प्लेबैक और उसकी टीम का समर्थन हासिल है, ये दृश्य और श्रवण माध्यमों से आज के युवा वर्ग को प्रेरित करने, उनमें इमानदारी इंसानियत और राष्ट्प्रेम जैसी मूल भावानाओं को जागृत करने और आतंकवाद के खिलाफ एक जुट होने के लिए तैयार करने की एक पहल है जिसे पूर्व राष्ट्पति श्री ए पी जे अब्दुल कलाम का भी आशीर्वाद प्राप्त है. इसी श्रृंखला में एक और कड़ी जोड़ती है ये लघु फिल्म. t"ERRORISM" A Short Film completely shot using 12.1 MP digital cam (Canon Powershot X220hs ) Major portion of this film was shot in Kochi. J KABS in association with BEAT OF INDIAN YOUTH PRESENTS tERRORISM STORY.DOP.DIRECTION: BASIL BK SOUND DESIGN N MIX: JIBIN GEORGE SEBASTIAN EDITING: DEEPU JOSEPH CAST: JEAN TOMS SANKAR GANESH ASWAS BABU KRISHNAN C PAI Sincer thanks Shenoys theater KERALA POLICE Maharajas college Mr. Rajeesh (naval base) ADDHOC Team   

सजीव सारथी के काव्य संग्रह "एक पल की उम्र लेकर" का ऑनलाइन विमोचन और लघु फिल्म "नौ महीने" का प्रीमियर

सजीव सारथी हिंद युग्म से २००७ में जुड़े थे बतौर कवि. युग्म की स्थायी सदस्यता मिलने के बाद वो लगातार १ साल तक निरंतर कविताओं के माध्यम से पाठकों से जुड़े रहे. २००७ के अंतिम महीनों में अल्बम "पहला सुर" पर उन्होंने काम शुरू किया जो इन्टरनेट पर संगीत को नए सिरे से प्रस्तुत करने की दिशा में एक अहम कदम साबित हुआ. २००८ में रीलिस हुई अल्बम "पहला सुर" संगीत के एक नए युग की शुरुआत लेकर आया. बहुत से नए संगीत कर्मियों ने हिंद युग्म से जुड़ने की इच्छा जाहिर की और यहीं जरुरत महसूस हुई एक नए घटक "आवाज़" के शुभारंभ की. जुलाई २००८ में शुरू हुए आवाज़ ने कुछ ऐसे काम कर दिखाए जिन्हें बड़ी बड़ी संगीत कम्पनियाँ भी अपने बैनर पर करते हिचकते हैं. सजीव ने सुजॉय, अनुराग शर्मा, विश्व दीपक तन्हा, सुमित और रश्मि प्रभा जैसे कार्यकर्ताओं के दम पर आवाज़ का एक बड़ा कुनबा तैयार किया. इसी बीच सजीव का रचना कर्म भी निरंतर जारी रहा. एक गीतकार के रूप में भी और कविता के माध्यम से भी. उनके रेडियो साक्षात्कारों को सुनने के बाद केरल के एक प्रकाशक ने उनकी कविताओं का संग्रह निकालने की पेशकश की. २०११ अ

"छोटे से पंख" - सार्थक लघु फिल्म निर्माण के क्षेत्र में युग्म का पहला प्रयास.

आपकी रचनात्मकता तभी सार्थक है जब आप खुद की जिम्मेदारी से ऐसा कुछ करते हैं जिससे समाज में एक सकारात्मक बदलाव आये। भारत में दृश्य और श्रव्य, जन साधारण तक अपनी बात पहुँचाने का सबसे सशक्त माध्यम है। कविता के भावों को सुरों में सजाकर सरल रूप में लोगों तक पहुँचने के लिए जुलाई २००८ में आवाज़ की शुरूआत की थी हिंद युग्म ने। आज इस कड़ी में एक और नयी पहल जुड़ रही है। नए संगीत का दूसरा कामियाब महासत्र पूरा करने के बाद अब युग्म ने दृश्य माध्यम से भी जन चेतना जगाने का बीडा उठाया है। ये शुरुआत मनुज मेहता, जगदीप सिंह, दिव्य प्रकाश दुबे और अकबर-आज़म जैसे युवा फिल्मकारों के दम पर हो रही है। इसी शृंखला की पहली फिल्म का आज विमोचन हो रहा है। हिंद युग्म के दिव्य प्रकाश दुबे जिन्हें हम DPD के नाम से भी संबोधित करते हैं, ने अपनी खुद की प्रोडक्शन "मास्टरस्ट्रोक प्रोडक्शन" के बैनर तले बनायी है ये लघु फिल्म। अधिक जानते हैं खुद दिव्य से- "मुझे हमेशा से लगा है कि कुछ लोग हमारी दुनिया को बेहतर बनाने की दिशा में सतत प्रयासरत हैं और बहुत ही शांति से, धीरे-धीरे अपने मकसद की तरफ कदम बढ़ा रहे हैं ... मुझ