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रेखा भारद्वाज का स्नेह निमंत्रण ओर अरिजीत की रुमानियत भरी नई गुहार

ताज़ा सुर ताल - 2014 -04  हमें फिल्म संगीत का आभार मानना चाहिए कि समय समय पर हमारे संगीतकार हमारी भूली हुई विरासत ओर नई पीढ़ी के बीच की दूरी को कुछ इस तरह पाट देते हैं कि समय का लंबा अंतराल भी जैसे सिमट गया सा लगता है. मेरी उम्र के बहुत से श्रोताओं ने इस ठुमरी को बेगम अख्तर की आवाज़ में अवश्य सुना होगा, पर यक़ीनन उनसे पहले भी लखनऊ के नवाब वाजिद अली शाह के दरबार से निकली इस अवधी ठुमरी को बहुत से गुणी कलाकारों ने अपनी आवाज़ में ढाला होगा. लीजिए २०१४ में स्वागत कीजिये इसके एक ओर नए संस्करण का जिसे तराशा संवारा है विशाल -गुलज़ार के अनुभवी हाथों ने ओर आवाज़ के सुरमे से महकाया है रेखा भारद्वाज की सुरमई आवाज़ ने. मशहूर अभिनेत्री ओर कत्थक में निपुण माधुरी दीक्षित नेने एक बार फिर इस फिल्म से वापसी कर रही हैं रुपहले परदे पर. जी हाँ आपने सही पहचाना, देढ इश्किया  का ये गीत फिर एक बार ठुमरी को सिने संगीत में लौटा लाया है, हिंदी फिल्मों के ठुमरी गीतों पर कृष्णमोहन जी रचित पूरी सीरीस का आनंद हमारे श्रोता उठा चुके हैं. आईये सुनते हैं रेखा का ये खास अंदाज़....शब्द देखिये आजा गिलौरी खिलाय दूँ खिमामी, लाल

"ससुराल गेंदा फूल..." - क्यों की जाती है ससुराल की तुलना गेंदे के फूल से?

'डेल्ही-६' फ़िल्म में "ससुराल गेंदा फूल" गीत ने हम सभी को कम या ज़्यादा थिरकाया ज़रूर है। छत्तीसगढ़ी लोक गीत पर आधारित इस गीत के बनने की कहानी के साथ-साथ जानिये कि ससुराल को क्यों गेंदे का फूल कहा जाता है। 'एक गीत सौ कहानियाँ' की 19वीं कड़ी में सुजॉय चटर्जी के साथ... एक गीत सौ कहानियाँ # 19 हि न्दी फ़िल्मी गीतों में लोक-संगीत के प्रयोग की बात करें तो उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल, पंजाब और महाराष्ट्र राज्यों के लोक-संगीत का ही सर्वाधिक प्रयोग इस क्षेत्र में हुआ है। पहाड़ी पृष्ठभूमि पर बनने वाले गीतों में हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, उत्तरांचल और उत्तर बंगाल व उत्तर-पूर्व के लोक धुनों का इस्तेमाल भी समय-समय पर होता आया है। पर छत्तीसगढ़ के लोक-संगीत की तरफ़ फ़िल्मी संगीतकारों का रुख़ उदासीन ही रहा है। हाल के वर्षों में दो ऐसी फ़िल्में बनी हैं जिनमें छत्तीसगढ़ी लोक-संगीत का सफल प्रयोग हुआ है। इसमें एक है आमिर ख़ान की फ़िल्म 'पीपली लाइव', जिसमें रघुवीर यादव और साथियों का गाया "महंगाई डायन" और नगीन तनवीर का गाया "चोला माटी के राम"