Skip to main content

Posts

Showing posts with the label rag kirwani

मोहनवीणा और विश्वमोहन भट्ट : SWARGOSHTHI – 247 : MOHAN VEENA & VISHWAMOHAN BHATT

स्वरगोष्ठी – 247 में आज संगीत के शिखर पर – 8 : पण्डित विश्वमोहन भट्ट मोहनवीणा के अन्वेषक और वादक पण्डित विश्वमोहन भट्ट रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर जारी हमारी सुरीली श्रृंखला – ‘संगीत के शिखर पर’ की आठवीं कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र आप सब संगीत-रसिकों का एक बार पुनः हार्दिक स्वागत करता हूँ। इस श्रृंखला में हम भारतीय संगीत की विभिन्न विधाओं में शिखर पर विराजमान व्यक्तित्व और उनके कृतित्व पर चर्चा कर रहे हैं। संगीत गायन और वादन की विविध लोकप्रिय शैलियों में किसी एक शीर्षस्थ कलासाधक का चुनाव कर हम उनके व्यक्तित्व का उल्लेख और उनकी कृतियों के कुछ उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं। आज श्रृंखला की आठवीं कड़ी में हम पश्चिम के लोकप्रिय तंत्रवाद्य हवाइयन गिटार या स्लाइड गिटार के परिवर्तित भारतीय रूप ‘मोहनवीणा’ के अन्वेषक और विश्वविख्यात वादक पण्डित विश्वमोहन भट्ट के व्यक्तित्व और कृतित्व की संक्षिप्त चर्चा कर रहे हैं। इसके साथ ही इस वाद्य के मूल उद्गम पर भी चर्चा करेंगे। आज हम आपको पण्डित विश्वमोहन भट्ट द्वारा मोहनवीणा पर

अनूठा घन-वाद्य जलतरंग

स्वरगोष्ठी – 163 में आज संगीत वाद्य श्रृंखला - 1 जल भरे प्यालों से उपजे स्वर-तरंग अर्थात मनोहर संगीत वाद्य जलतरंग ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर आज एक नवीन श्रृंखला के प्रथम अंक के साथ मैं कृष्णमोहन मिश्र, सभी संगीतानुरागियों का हार्दिक स्वागत करता हूँ। मित्रों, इस लघु श्रृंखला में हम आपसे भारतीय संगीत के कुछ अनूठे वाद्यों की चर्चा करेंगे। वर्तमान में प्रचलित अनेक वाद्य हैं जो प्राचीन वैदिक परम्परा से जुड़े हैं और समय के साथ क्रमशः विकसित होकर हमारे सम्मुख उपस्थित हैं। कुछ ऐसे भी वाद्य हैं जिनकी उपयोगिता तो है किन्तु धीरे-धीरे अब ये लुप्तप्राय हो रहे हैं। इस श्रृंखला में हम कुछ लुप्तप्राय और कुछ प्राचीन वाद्यों के परिवर्तित व संशोधित स्वरूप में प्रचलित वाद्यों का उल्लेख करेंगे। श्रृंखला की पहली कड़ी में आज हम आपसे एक प्राचीन वाद्य ‘जलतरंग’ की चर्चा करेंगे। जल से भरे विभिन्न स्वरों के छोटे-बड़े प्यालों पर आघात कर संगीत उत्पन्न करने वाले इस वाद्य के आज देश में कुछ गिने-चुने वादक ही हैं। आज के अंक में आपको इस वाद्य के दो प्रत