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स्वागत नववर्ष 2015 : SWARGOSHTHI – 201 : RAG BHAIRAVI

स्वरगोष्ठी – 201 में आज मंगलध्वनि और राग भैरवी मंगलवाद्य शहनाई-वादन से नववर्ष का अभिनन्दन ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर सभी संगीत-प्रेमियों का नए वर्ष के पहले अंक में हार्दिक अभिनन्दन है। इसी 201वें अंक से आपका प्रिय स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ पाँचवें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। विगत चार वर्षों से हमें असंख्य पाठकों, श्रोताओं, संगीत शिक्षकों और वरिष्ठ संगीतज्ञों का प्यार, दुलार और मार्गदर्शन इस स्तम्भ को मिलता रहा है। इन्टरनेट पर शास्त्रीय, उपशास्त्रीय, लोक और सुगम संगीत विषयक चर्चा का सम्भवतः यह एकमात्र नियमित साप्ताहिक स्तम्भ है, जो विगत चार वर्षों से निरन्तरता बनाए हुए है। इस पुनीत अवसर पर मैं कृष्णमोहन मिश्र, ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के संचालक मण्डल के सभी सदस्यों- सजीव सारथी, सुजॉय चटर्जी, अमित तिवारी, अनुराग शर्मा, विश्वदीपक और संज्ञा टण्डन के प्रति भी आभार प्रकट करता हूँ, जिनकी आहुतियाँ भी इस यज्ञ में होती हैं। आज पाँचवें वर्ष के इस प्रवेशांक में हम आपसे इस साप्ताहिक स्तम्भ के आरम्भ की कुछ स्मृतियों को बाँ

2014 के कमचर्चित सुरीले गीतों की हिट परेड भाग - 2

नववर्ष विशेष 2014 के कमचर्चित सुरीले गीतों की हिट परेड  - भाग 2  The Unsung Melodies of 2014 रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी श्रोता-पाठकों को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार और नववर्ष 2015 की हार्दिक शुभकामनाएँ। स्वागत है आप सभी का साल 2015 की प्रथम प्रस्तुति में। आज हम वर्ष के दूसरे दिन आपके मनोरंजन के लिए हम लेकर आए हैं इस विशेष प्रस्तुति का दूसरा भाग। साल 2014 हिन्दी फ़िल्म-संगीत के लिए अच्छा ही कहा जा सकता है; अच्छा इस दृष्टि से कि इस वर्ष जनता को बहुत सारे हिट गीत मिले, जिन पर आज की युवा पीढ़ी ख़ूब थिरकी, डान्स क्लब की शान बने, FM चैनलों पर बार-बार लगातार ये गाने बजे। "बेबी डॉल", "जुम्मे की रात है", "मुझे प्यार ना मिले तो मर जावाँ", "पलट तेरा ध्यान किधर है", "आज ब्लू है पानी पानी", "तूने मारी एन्ट्री यार", "सैटरडे सैटरडे", "दिल से नाचे इण्डिया वाले", जैसे गीत तो जैसे सर चढ़ कर बोले साल भर। लेकिन इन धमाकेदार गीतों की चमक-दमक के पीछे गुमनाम रह गए कुछ ऐसे सुरीले नग़मे जिन्हें

2014 के कमचर्चित सुरीले गीतों की हिट परेड - भाग 1

नववर्ष विशेष 2014 के कमचर्चित सुरीले गीतों की हिट परेड  - भाग 1 The Unsung Melodies of 2014 रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी श्रोता-पाठकों को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार और नववर्ष 2015 की हार्दिक शुभकामनाएँ! स्वागत है आप सभी का साल 2015 की प्रथम प्रस्तुति में। आज वर्ष के पहले और दूसरे दिन आपके मनोरंजन के लिए हम लेकर आए हैं यह विशेष प्रस्तुति। साल 2014 हिन्दी फ़िल्म-संगीत के लिए अच्छा ही कहा जा सकता है; अच्छा इस दृष्टि से कि इस वर्ष जनता को बहुत सारे हिट गीत मिले, जिन पर आज की युवा पीढ़ी ख़ूब थिरकी, डान्स क्लब की शान बने, FM चैनलों पर बार-बार लगातार ये गाने बजे। "बेबी डॉल", "जुम्मे की रात है", "मुझे प्यार ना मिले तो मर जावाँ", "पलट तेरा ध्यान किधर है", "आज ब्लू है पानी पानी", "तूने मारी एन्ट्री यार", "सैटरडे सैटरडे", "दिल से नाचे इण्डिया वाले", जैसे गीत तो जैसे सर चढ़ कर बोले साल भर। लेकिन इन धमाकेदार गीतों की चमक धमक के पीछे गुमनाम रह गए कुछ ऐसे सुरीले नग़मे जिन्हें अग

नववर्ष विशेष: 1934 से 2014 -- 9 दशक, 9 गीत

नववर्ष विशेष बीते नौ दशकों के नौ चुनिन्दा गीत और उनसे जुड़ी कुछ यादें विदा 2014 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी श्रोता-पाठकों को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार! दोस्तों, आज साल 2014 का अंतिम दिन है। एक और साल बीत गया और एक और नया साल दरवाज़े पर दस्तक देने के लिए बेताब हो रहा है। फ़िल्म संगीत के इतिहास में आज जब हम पीछे मुड़ कर देखते हैं तो ध्यान आता है कि आठ दशक तो पूरे हो ही चुके हैं, नवे दशक के भी चार साल बीत चुके हैं। इस दशकों में फ़िल्म संगीत अनेक दौर से गुजरता गया और एक स्वरूप से दूसरे स्वरूप में ढलता गया। 2014 से पीछे की तरफ़ चलें तो 2004, 1994, 1984, 1974.... से लेकर 1934 तक के नौ दशकों का यह सुरीला सफ़र बड़ा ही सुहाना रहा। तो आज इस विशेष दिन के अवसर पर क्यों ना पिछले 9 दशकों के इन 9 सालों से 9 गीत चुन कर उनके साथ जुड़ी कुछ स्मृतियों को आपके सामने रखे जायें। तो आनन्द लीजिये आज की इस नववर्ष विशेष प्रस्तुति का, और साथ ही स्वीकार कीजिए नववर्ष की हमारी हार्दिक शुभकामनायें।  1934: "प्रेम नगर में बनाऊंगी घर मैं" (चण्डीदास) उमा शशि और