Skip to main content

Posts

Showing posts with the label music competition

पहले हिन्दी फिल्मी गीत को संगीतबद्ध कीजिए (एक सम्मानजनक मौका)

हिन्द-युग्म का सबसे लोकप्रिय स्तम्भ 'ओल्ड इज गोल्ड' अब अपने 456वें पायदान पर पाँव धर चुका है। हम इसकी सफलता से खुश तो हैं ही साथ ही गौरवान्वित भी हैं कि पुराने फिल्मी पर आधारित इस कार्यक्रम को श्रोताओं/पाठकों ने इतना सराहा। एक-एक करके हम इसके 500वें अंक की तरफ भी पहुँच जायेंगे, तो आवाज़ टीम ने निश्चय किया कि क्यों न इस अंक को यादगार बनाया जाय। कुछ ऐसा किया जाय, जो अभी तक किसी ने नहीं किया। जी हाँ, हम कुछ ऐसा ही करने जा रहे हैं। आपलोगों में से बहुतों को तो पता ही होगा कि हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री का पहला गीत नष्ट हो चुका है। जी हाँ, 'आलम आरा' फिल्म को पहली बोलती फिल्म और इसके गीत 'दे दे खुदा के नाम पे' को पहला हिन्दी फिल्मी गीत माना जाता है। अब न तो यह फिल्म कहीं मौज़ूद है और न ही इसके गीतों को संरक्षित करके रखा गया है। तो हमने तय किया है कि 'ओल्ड इज गोल्ड' के 500वें संस्करण में इस गीत का संगीतबद्ध संस्करण हिन्द-युग्म ज़ारी करेगा। चूँकि इस गीत की रिकॉर्डिंग कहीं भी मौज़ूद नहीं है, इसलिए हम इस गीत एक ऑनलाइन प्रतियोगिता के माध्यम से संगीतबद्ध करवा रहे हैं। हमा

हिस्सा बनिए आवाज़ पर " लता संगीत पर्व " का और जीतिए इनाम

दोस्तो, लता दी इस माह की 28 तारीख को हम सब की प्रिय गायिका लता मंगेशकर यानी लता दी, अपना 79वां जन्मदिन मनायेंगी. चूँकि लता दी हिन्दी फ़िल्म संगीत जगत की इतनी बड़ी शख्सियत हैं कि मात्र एक दिन का समय काफ़ी नहीं होगा, उनके अपार गीतों के संग्रह का जिक्र करने के लिए, इसलिए आवाज़ की टीम ने तय किया है कि हम महीने भर का " लता संगीत पर्व " मनाएंगे. जिसमें लता दी के संगीत दीवानों के लिए एक नायाब प्रतियोगिता हम आयोजित करने जा रहे हैं. कोई भी व्यक्ति इस प्रतियोगिता में भाग ले सकता है, करना सिर्फ़ इतना है, कि लता दी का कोई एक गीत आपको चुनना होगा, और उस गीत से सम्बंधित तमाम जानकारियों पर 300 से 400 शब्दों का एक आलेख लिखना होगा. जिसमे उस गीत से जुड़ी हुई कोई अनूठी बात, उस गीत को कोई ख़ास विशेषता जिसके कारण वो गीत आपको इतना अधिक पसंद है, उस गीत से जुड़े अन्य कलाकारों के नाम और गीत के बोल आदि शामिल होंगे. सबसे बढ़िया तरीके से प्रस्तुत पहले 3 आलेखों को क्रमशः 500 , 300 और 200 रुपए की पुस्तकें मसि कागद की तरफ़ से और 10 अन्य आलेखों को आवाज़ की तरफ़ से "पहला सुर" एल्बम की एक एक प्रति भें

समीक्षा के अखाडे में दूसरा दंगल

सरताज गीत बनने की जंग शुरू हो चुकी है, जुलाई के जादूगर गीत, जनता की अदालत में हाज़री बजाने के बाद, पहले चरण की समीक्षा की कठिन परीक्षा से गुजर रहे हैं, जैसा की हम बता चुके हैं कि पहले चरण में ३ समीक्षक होंगे और दूसरे और अन्तिम चरण में दो समीक्षक होंगे, समीक्षा का दूसरा चरण सत्र के समापन के बाद यानी जनवरी के महीने शुरू होगा, फिलहाल देखते हैं कि पहले चरण के, दूसरे समीक्षक ने जुलाई के जादूगरों को कितने कितने अंक दिए हैं. इस समीक्षा के अंकों में पहली समीक्षा के अंक जोड़ दिए गए हैं जिसके आधार पर, हमारे श्रोता देख पाएंगे कि कौन सा गीत है, अब तक सबसे आगे. गीत समीक्षा संगीत दिलों का उत्सव है .... पहला गीत है “ संगीत दिलों का उत्सव है …” सभी गीतों में सबसे श्रेष्‍ठ.. गीत संगीत और गायकी सब कुछ एकदम परफेकक्ट ... गीत संगीत और गायकी तीनों पक्षों में ताजगी लगती है। बीच बीच में आलाप बहुत प्रभावित करता है। इस गीत को 8 नंबर दे रहा हूँ। संगीत दिलों का उत्सव है... को दूसरे निर्णायक द्वारा मिले 8/10 अंक, कुल अंक अब तक 14 /20 बढे चलो. दूसरा गीत है “ बढ़े चलो …”, आज के हिन्द का युवा...ठीक कह सकते हैं। बह