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'मेरी आशिक़ी अब तुम ही हो...' - क्यों फ़िल्म से हटने वाला था यह ब्लॉकबस्टर गीत?

एक गीत सौ कहानियाँ - 64   'मेरी आशिक़ी अब तुम ही हो...'   रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी श्रोता-पाठकों को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार। दोस्तों, हम रोज़ाना रेडियो पर, टीवी पर, कम्प्यूटर पर, और न जाने कहाँ-कहाँ, जाने कितने ही गीत सुनते हैं, और गुनगुनाते हैं। ये फ़िल्मी नग़में हमारे साथी हैं सुख-दुख के, त्योहारों के, शादी और अन्य अवसरों के, जो हमारे जीवन से कुछ ऐसे जुड़े हैं कि इनके बिना हमारी ज़िन्दगी बड़ी ही सूनी और बेरंग होती। पर ऐसे कितने गीत होंगे जिनके बनने की कहानियों से, उनसे जुड़े दिलचस्प क़िस्सों से आप अवगत होंगे? बहुत कम, है न? कुछ जाने-पहचाने, और कुछ कमसुने फ़िल्मी गीतों की रचना प्रक्रिया, उनसे जुड़ी दिलचस्प बातें, और कभी-कभी तो आश्चर्य में डाल देने वाले तथ्यों की जानकारियों को समेटता है 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' का यह स्तम्भ 'एक गीत सौ कहानियाँ'। इसकी 64-वीं कड़ी में आज जानिये फ़िल्म ’आशिक़ी 2’ के ब्लॉकबस्टर गीत "तुम ही हो, अब तुम ही हो" के बारे में जिसे अरिजीत सिंह ने गाया था।

साल की शुरुआत दो बेहद सुरीले प्रेम गीतों से

ताज़ा सुर ताल - 2014 - 01  दोस्तों, हमने सोचा कि इस बार हम ताज़ा सुर ताल का कलेवर थोडा सा बदल दें. बजाय पूरी एल्बम की चर्चा करने के अब से हम हर सप्ताह दो चुनिंदा गीतों का जिक्र करेंगें, तो चलिए साल की शुरुआत करें कुछ मीठा सुनकर. अब आप ही कहें कि क्या प्रेम से मधुर कुछ है इस दुनिया में ? दोस्तों वर्ष २०१३ के सबसे सफल गायक साबित हुए अरिजीत सिंह, और आशिकी २ में तो उन्होंने प्रेम गीतों को एक अलग ही मुकाम तक पहुँचाया, सच कहें तो मोहित चौहान के बाद अरिजीत पहले ऐसे गायक हैं जिनमें एक लंबी पारी खेलने की कुव्वत नज़र आती है. कभी जो बादल बरसे मैं देखूँ तुझे ऑंखें भर के , तू लगे मुझे पहले बारिश की दुआ ... पैशन से भरे इस गीत में एक अजब सा नशा है. तुराज़ के शब्दों को शरीब तोशी ने बहुत ही प्यार से संवारा है. और अरिजित के तो कहना ही क्या, तो लीजिए सुनिए फिल्म जैकपोट  का ये गीत.  अब इससे इत्तेफाक ही कहगें कि आज के हमारे दूसरे ताज़ा गीत में भी बारिश की झमाझम है,  बल्कि यहाँ तो गीत का नाम भी 'बारिश' ही है. आशिकी २ के निर्माताओं की ही ताज़ा पेशकश है फिल्म यारियाँ . यहाँ भी वर्ष २०१३ के स

कहीं "मादनो" की मिठास से तो कहीं "मैं कौन हूँ" के मर्मभेदी सवालों से भरा है "मिथुन" के "लम्हा" का संगीत

ताज़ा सुर ताल २२/२०१० विश्व दीपक - ’ताज़ा सुर ताल' में हम सभी का स्वागत करते हैं। तो सुजॊय जी, पिछले हफ़्ते कोई फ़िल्म देखी आपने? सुजॊय - हाँ, 'राजनीति' देखी, लेकिन सच पूछिए तो निराशा ही हाथ लगी। कुछ लोगों को यह फ़िल्म पसंद आई, लेकिन मुझे तो फ़िल्म बहुत ही अवास्तविक लगी। सिर्फ़ बड़ी स्टारकास्ट के अलावा कुछ भी ख़ास बात नहीं थी। कहानी भी बेहद साधारण। ख़ैर, पसंद अपनी अपनी, ख़याल अपना अपना। विश्व दीपक - पसंद की अगर बात है तो आज हम 'टी.एस.टी' में जिस फ़िल्म के गानें लेकर हाज़िर हुए हैं, मुझे ऐसा लगता है कि इस फ़िल्म के गानें लोगों को पसंद आने वाले हैं। आज ज़िक्र फ़िल्म 'लम्हा' के गीतों का। सुजॊय - 'लम्हा' बण्टी वालिया व जसप्रीत सिंह वालिया की फ़िल्म है जिसमें मुख्य भूमिकाएँ निभाई हैं संजय दत्त, बिपाशा बासु, कुणाल कपूर, अनुपम खेर ने। निर्देशक हैं राहुल ढोलकिया। संगीत दिया है मिथुन ने, और यह फ़िल्म परदर्शित होने वाली है १६ जुलाई के दिन, यानी कि ठीक एक महीने बाद। जैसा समझ में आ रहा है कि कश्मीर के पार्श्व पर यह फ़िल्म आधारित है। इस फ़िल्म का म्युज़िक लौम्च