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आओ हुजूर तुमको सितारों में ले चलूँ....चलिए घूम आये हम और आप भी "आशा" के साथ

ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 114 १९६८ में कमल मेहरा की बनायी फ़िल्म आयी थी 'क़िस्मत'। मनमोहन देसाई निर्देशित फ़िल्म 'क़िस्मत' की क़िस्मत बुलंद थी। फ़िल्म तो कामयाब रही ही, फ़िल्म के गीतों ने भी खासी धूम मचाई । अपनी दूसरी फ़िल्मों की तरह इस फ़िल्म में भी ओ. पी. नय्यर ने यह सिद्ध किया कि ६० के दशक के अंत में भी वो नयी पीढ़ी के किसी भी लोकप्रिय संगीतकार को सीधी टक्कर दे सकते हैं। उन दिनों नय्यर साहब और रफ़ी साहब के रिश्ते में दरार आयी थी जिसके चलते इस फ़िल्म के गाने महेन्द्र कपूर से गवाये गये। घटना क्या घटी थी यह हम आपको बाद में किसी दिन बतायेंगे जब रफ़ी साहब और नय्यर साहब के किसी गाने की बारी आयेगी। तो साहब, महेन्द्र कपूर ने रफ़ी साहब की कमी को थोड़ा बहुत पूरा भी किया, हालाँकि नय्यर साहब महेन्द्र कपूर को बेसुरा कहकर बुलाते थे। इस फ़िल्म का वह हास्य गीत तो आपको याद है न "कजरा मोहब्बतवाला", जिसमें शमशाद बेग़म ने विश्वजीत का प्लेबैक किया था! फ़िल्म की नायिका बबिता के लिये गीत गाये आशा भोंसले ने। इस फ़िल्म में नय्यर साहब की सबसे ख़ास गायिका आशाजी ने कई अच्छे गीत गा

बीसवीं सदी की १० सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्में (भाग १)

विनोद भारद्वाज हमारी फिल्मों के प्रतिष्टित हिंदी समीक्षकों में से एक हैं. पिछले दिनों उनकी पुस्तक, "सिनेमा- कल आज और कल" पढ़ रहा था. इस पुस्तक में एक जगह उन्होंने बीती सदी की टॉप दस फिल्मों की एक सूची दी है. मुझे लगा १९९९ में उनके लिखे इस आलेख पर कुछ चर्चा की जा सकती है. हालाँकि खुद विनोद मानते हैं कि इस तरह का चयन कभी भी विवादों के परे नहीं रह सकता. पर विनोद के इस "टॉप १०" को यहाँ देकर मैं आप श्रीताओं/पाठकों की राय जानना चाहता हूँ कि उनके हिसाब से ये टॉप सूची परफेक्ट है या वो कोई और फिल्म भी वो इस सूची में देखना चाहते हैं. आज हम बात करेंगे ५ फिल्मों की (रिलीस होने के क्रम में), आगे की पांच फिल्में कौन सी होंगी ये आप बतायें. याद रखें इस सूची का प्रमुख आधार लोकप्रियता ही है. जाहिर है समीक्षकों की राय में जो सूची होगी वो बिलकुल ही अलग होगी. घबराईये मत, वो सूची भी मैं कल पेश करूँगा. फिलहाल लोकप्रिय के आधार पर २० वीं सदी की इन फिल्मों को परखते हैं - १. किस्मत (१९४३) - बॉम्बे टौकीस की इस फिल्म के निर्देशक थे ज्ञान मुखर्जी. अशोक कुमार और मुमताज़ शांति की प्रमुख भूमिकाए