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वार्षिक गीतमाला (पायदान ३० से २१ तक)

वर्ष २००८ के श्रेष्ट ५० फिल्मी गीत (हिंद युग्म के संगीत प्रेमियों द्वारा चुने हुए),पायदान संख्या ३० से २१ तक पिछले अंक में हम आपको ४०वीं पायदान से ३१वीं पायदान तक के गीतों से रूबरू करा चुके हैं। उन गीतों का दुबारा आनंद लेने के लिए यहाँ जाएँ। ३० वीं पायदान - मेरी माटी (रामचंद पाकिस्तानी) पाकिस्तान के जानेमाने निर्देशक महरीन जब्बार ,जिन्होंने पहचान, कहानियाँ, पुतली घर जैसे नामचीन टीवी धारावाहिकों एवं नाटकों का निर्देशन किया है, "रामचंद पाकिस्तानी" लेकर फिल्म-इंडस्ट्री में उपस्थित हुए हैं। यह फिल्म अपने अनोखे नाम के कारण दर्शकों को आकर्षित करती है। नगरपरकर गाँव में रहने वाली "चंपा"(नंदिता दास द्वारा अभिनीत) की जिंदगी में तब उथलपुथल मच जाता है,जब उसका पति एवं उसका लड़का "रामचंद" अनजाने हीं सरहद पारकर भारत आ जाता है और भारतीय फौज उन्हें घुसपैठिया मान लेती है। यह फिल्म उसी चंपा की दास्तान है। देबज्योति मिश्रा द्वारा संगीतबद्ध एवं अनवर मक़सूद द्वारा लिखित "मेरी माटी" गायकों (शुभा मुद्गल एवं शफ़क़त अमानत अली) की अनोखी जुगलबंदी के कारण श्रोताओं पर असर करने मे

वार्षिक गीतमाला (पायदान ४० से ३१ तक)

वर्ष २००८ के श्रेष्ट ५० फिल्मी गीत (हिंद युग्म के संगीत प्रेमियों द्वारा चुने हुए),पायदान संख्या ४० से ३१ तक पिछले अंक में हम आपको ५०वीं पायदान से ४१वीं पायदान तक के गीतों से रूबरू करा चुके हैं। उन गीतों का दुबारा आनंद लेने के लिए यहाँ जाएँ। ४० वीं पायदान - आशियाना(फैशन) ४०वें पायदान पर फिल्म "फैशन" का गीत "आशियाना" काबिज़ है। इस गीत के बोल लिखे हैं इरफ़ान सिद्दकी ने और सुरबद्ध किया है सलीम-सुलेमान की जोड़ी ने। इस गीत को सलीम मर्चैंट(सलीम-सुलेमान की जोड़ी से एक) ने अपनी आवाज़ से जीवंत किया है। मधुर भंडारकर की यह फिल्म "फैशन" अपने विषय के साथ-साथ अपने गीतों के कारण भी चर्चा में रही है। ३९ वीं पायदान - अलविदा(दसविदानिया) कैलाश खेर यूँ तो अपनी आवाज़ और संगीत के कारण संगीत-जगत में मकबूल हैं। लेकिन जो बात बहुत कम लोग जानते हैं, वह यह है कि अमूमन अपने सभी गानों के बोल कैलाश हीं लिखते हैं।अलविदा भी उनकी त्रिमुखी प्रतिभा का साक्षात उदाहरण है। "दसविदानिया" अपनी सीधी-सपाट कहानी, हद में किए गए अभिनय और "कौमन मैन" की छवि वाले नायक के कारण फिल्मी जगत क