हम लाये हैं तूफानों के किश्ती निकाल के.....कवि प्रदीप का ये सन्देश जो आज भी मन से राष्ट्र प्रेम जगा जाता है
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 527/2010/227 दो स्तों कल था १४ नवंबर, देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु का जन्मदिवस। नेहरु जी का बच्चों के प्रति अत्यधिक लगाव हुआ करता था। बच्चों के लिए उन्होंने बहुत सारा कार्य भी किया। इसी वजह से आज का यह दिन देश भर में 'बाल दिवस' के रूप में मनाया जाता है। 'ओल्ड इज़ गोल्ड' के दोस्तों, नमस्कार। 'दिल की कलम से', इस शुंखला में आज हम लेकर आए हैं एक ऐसे कवि की बातें जो एक कवि होने साथ साथ एक उत्कृष्ट गीतकार और गायक भी थे, जिनकी लेखनी और गायकी में झलकता है उनका अपने देश के प्रति प्रेम और देशवासियों में जागरुक्ता लाने की शक्ति। जी हाँ, आज 'ओल्ड इज़ गोल्ड' में ज़िक्र कवि प्रदीप का। कवि प्रदीप का जन्म १९१५ में मध्य प्रदेश के उज्जैन के बाधनगर में हुआ था। उनका पूरा नाम था रामचन्द्र नारायणजी द्विवेदी। उनकी शिक्षा अलाहाबाद में हुई और वहीं उन्होंने कविताएँ लिखनी शुरु की। गर्मियों की छुट्टियों मे वे मित्रों के घर जाया करते थे। ऐसी ही एक छुट्टी में वे बम्बई आये और उनकी मुलाक़ात हो गई बॊम्बे टॊकीज़ के हिमांशु राय से। उनकी लेखनी से प