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क्या नील नितिन मुकेश में भी हैं गायिकी के गुण ?

सप्ताह की संगीत सुर्खियाँ (14) आ देखें ज़रा किसमें कितना है दम - नील की चुनौती गायिकी के सरताज रहे मुकेश के सुपुत्र नितिन मुकेश ने भी गायिकी में ठीक ठाक मुकाम हासिल किया, पर बहुत अधिक कामियाब नहीं रह पाए तो उनके बेटे और सदाबहार मुकेश के पोते नील ने अभिनय का रास्ता चुना, "जोंनी गद्दार" में अपने शानदार अभिनय से नील ने एक लम्बी पारी की उम्मीद जगाई है. अब उनकी आने वाली नयी त्रिल्लर फिल्म "आ देखें ज़रा" में नील मात्र अभिनय नहीं कर रहे हैं, बल्कि अपने खानदान की परंपरा निभाते हुए उन्होंने इस फिल्म का शीर्षक गीत भी खुद ही गाया है, जो कि वास्तव में एक पुराने गीत "आ देखें ज़रा किस में कितना है दम" का नया वर्ज़न है. नील इस गीत के माध्यम से आर डी बर्मन और किशोर दा को अपनी श्रद्धांजली देना चाहते हैं. नील के दामन में इस वक़्त आदित्य चोपडा की "न्यू यार्क", मधुर भंडारकर की "जेल" और सुधीर मिश्रा की "तेरा क्या होगा जोंनी" जैसी फिल्में हैं. देखना ये होगा कि क्या इनमें से किसी फिल्म में भी श्रोताओं को उनकी गायिकी का नमूना देखने को मिलेगा. भारत

कैटरीना कैफ को हिंदी सिखायेंगे क्या ?

सप्ताह की संगीत सुर्खियाँ (12) चमकते सितारों ने मनाया हिंदी फिल्मों का सबसे बड़ा उत्सव ऑस्कर के चर्चे पुराने हुए, अब बारी है हमारी अपनी फिल्म इंडस्ट्री के सबसे बड़े पुरस्कार समारोह की. YRF स्टूडियो अँधेरी (मुंबई) में संपन्न हुए ५४ वें फिल्म फेयर समारोह में कल सितारे जमीं पर उतरे. "कहने को जश्ने बहारां है.." लिखने वाले जावेद अख्तर साहब ने सर्वश्रेष्ठ गीतकार के लिए तो संगीतकार ए आर रहमान ने "जाने तू या जाने न" के लिए सर्वश्रेष्ठ संगीतकार का खिताब जीता. श्रेया घोषाल "तेरी ओर..." (सिंग इस किंग) गाने से सर्वश्रेष्ठ गायिका चुनी गयी, ओर वहीँ "हौले हौले..." से दिलों पर राज़ करने वाले सुखविंदर ने सर्वश्रेष्ठ गायक के लिए फिल्म फेयर ट्रोफी जिसे "ब्लैक लेडी" भी कहा जाता है, हासिल किया. फिल्म "जोधा अकबर" के लिए ए आर आर ने सर्वश्रेष्ठ पार्श्व संगीत का सम्मान जीता ओर सर्वश्रेष्ठ ध्वनि रिकॉर्डिंग के लिए बेयलोन फोन्सेका और विनोद सुब्रमनियन ने फिल्म "रॉक ऑन" के लिए इसे प्राप्त किया. उभरते हुए संगीत कर्मी को दिए जाने वाला आर डी बर्मन स