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चली राधे रानी, आँखों में पानी....भक्ति और प्रेम का समावेश है ये गीत

ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 542/2010/242 "W ith his very first film Udayer Pathe (Hamrahi in Hindi), Bimal Roy was able to sweep aside the cobwebs of the old tradition and introduce a realism and subtely that was wholly suited to the cinema. He was undoubtedly a pioneer. He reached his peak with a film that still reverberates in the minds of those who saw it when it was first made. I refer to Do Bigha Zamin, which remains one of the landmarks of Indian Cinema."~ Satyajit Ray सत्यजीत रे के इन उद्गारों के साथ 'ओल्ड इज़ गोल्ड' की आज की महफ़िल की हम शमा जला रहे हैं। बिमल रॊय के फ़िल्मी सफ़र की कहनी कल आकर रुकी थी न्यु थिएटर्स में उनके द्वारा किए गये छायांकन वाले फ़िल्मों तक। इस तरह से तक़नीकी सहायक के रूप में कार्य करने के बद बिमल दा को पहली बार फ़िल्म निर्देशन का मौका मिला सन् १९४४ में, और वह बंगला फ़िल्म थी 'उदयेर पौथे' (उदय के पथ पर)। इसी फ़िल्म का हिंदी में अगले ही साल निर्माण हुआ जिसका शीर्षक रखा गया था 'हमराही'। यह फ़िल्म श्रेणी विभाजन (class discriminat

मेरा बुलबुल सो रहा है शोर तू न मचा...कवि प्रदीप और अनिल दा का रचा एक अनमोल गीत

ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 344/2010/44 १९४३ । इस वर्ष ने ३ प्रमुख फ़िल्में देखी - क़िस्मत, तानसेन, और शकुंतला। 'तानसेन' रणजीत मूवीटोन की फ़िल्म थी जिसमें संगीतकार खेमचंद प्रकाश ने सहगल और ख़ुर्शीद से कुछ ऐसे गानें गवाए कि फ़िल्म तो सुपर डुपर हिट साबित हुआ ही, खेमचंद जी और सहगल साहब के करीयर का एक बेहद महत्वपूर्ण फ़िल्म भी साबित हुआ। प्रभात से निकल कर और अपनी निजी बैनर 'राजकमल कलामंदिर' की स्थापना कर वी. शांताराम ने इस साल बनाई फ़िल्म 'शकुंतला', जिसके गीत संगीत ने भी काफ़ी धूम मचाया। संगीतकार वसंत देसाई की इसी फ़िल्म से सही अर्थ में करीयर शुरु हुआ था। और १९४३ में बॊम्बे टॊकीज़ की सफलतम फ़िल्म आई 'क़िस्मत'। 'क़िस्मत' को लिखा व निर्देशित किया था ज्ञान मुखर्जी ने। हिमांशु राय की मृत्यु के बाद बॊम्बे टॊकीज़ में राजनीति चल पड़ी थी। देवीका रानी और शशधर मुखर्जी के बीच चल रही उत्तराधिकार की लड़ाई के बीच ही यह फ़िल्म बनी। अशोक कुमार और मुम्ताज़ शांति अभिनीत इस फ़िल्म ने बॊक्स ऒफ़िस के सारे रिकार्ड्स तोड़ दिए। देश भर में कई कई जुबिलीज़ मनाने के अलावा यह फ़िल्