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गीत अतीत 04 || हर गीत की एक कहानी होती है || हमसफ़र || बदरी की दुल्हनिया || अखिल सचदेवा ||

Geet Ateet 04 Har Geet Kii Ek Kahaani Hoti Hai... Humsafar Akhil Sachdeva- Singer, Lyricist & Composer ताज़ा प्रदर्शित फिल्म "बद्री की दुल्हनिया" के यूँ तो सभी गीत काफी हिट हो चुके हैं, पर जिस गीत की हम बात कर रहे हैं वो सबसे अनूठा है, सबसे अलग और सोलफुल है, मिलिए इसी गीत के गायक, संगीतकार और गीतकार अखिल सचदेव से, और जानिए इस गीत के बनने की कहानी, प्ले पर क्लिक करें और सुनें...  डाउनलोड कर के सुनें  यहाँ  से.... सुनिए इन गीतों की कहानियां भी - सुनिए इन गीतों की कहानियां भी - ओ रे रंगरेज़ा (जॉली एल एल बी) मैनरलेस मजनू  (रंनिंग शादी डॉट कॉम) रंग (अरविन्द तिवारी- गैर फ़िल्मी)

आईये घूम आयें बचपन की गलियों में इन ताज़ा गीतों के संग

ताज़ा सुर ताल - 2014 -07 - बचपन विशेष  जेब (बाएं) और हनिया  ताज़ा सुर ताल की एक और कड़ी में आपका स्वागत है, आज जो दो नए गीत हम चुनकर लाये हैं वो यक़ीनन आपको आपके बचपन में लौटा ले जायेगें. हाईवे  के संगीत की चर्चा हमने पिछले अंक में भी की थी, आज भी पहला गीत इसी फिल्म से. दोस्तों बचपन की सबसे खूबसूरत यादों में से एक होती है माँ की मीठी मीठी लोरियाँ जिसे सुनते हुए कब बरबस ही नींद आँखों में समा जाती थी पता भी नहीं चलता था. इन दिनों फिल्मों में लोरियाँ लौट सी आई है, तभी तो राऊडी राठोड  जैसी जबरदस्त व्यवसायिक फिल्मों में भी लोरियाँ सुनने को मिल जाती हैं. पर यकीन मानिये हाईवे की ये लोरी अब तक की सुनी हुई सब लोरियों से अल्हदा है, इस गीत में गीतकार इरशाद की मेहनत खास तौर पे कबीले तारीफ है. सुहा यानी लाल, और साहा यानी खरगोश, माँ अपने लाडले को लाल खरगोश कह कर संबोधित कर रही है, शब्दों का सुन्दर मेल इरशाद ने किया है उसका आनंद लेने के लिए आपको गीत बेहद ध्यान से सुनना पड़ेगा. रहमान की धुन ऐसी कि सुन कर उनके कट्टर आलोचक भी भी उनकी तारीफ किये बिना नहीं रह पायेगें. आखिर यूहीं तो नहीं उन्हें