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मुंजल और रूमानी की प्रेम कहानी, मधुर गीतों की जुबानी- वेब रेडियो की ताज़ा पेशकश

गुनगुनाते लम्हे- 3 गुनगुनाते लम्हें, यानी इन्टरनेट पर वेब रेडियो की नयी पहल, आवाज़ की इस पेशकश से अब तक आप सब श्रोता बखूबी परिचित हो चुके हैं. एक बार फिर आया माह का पहला मंगलवार और एक नयी गीतों भरी कहानी लेकर हाज़िर है हमारी टीम, गुनगुनाते लम्हें की तीसरी कड़ी में. मुंजल और रूमानी के प्रेम की ये दास्ताँ सुनिए कुछ बेहद कर्णप्रिय गीतों के संग, आवाज़ है एक बार फिर अपराजिता कल्याणी की और तकनीकी संचालन है खुशबू का. इस बार कि कहानी श्री अभय कुमार सिन्हा ने लिखी है. प्रसारण का कुल समय है १९.०१. उम्मीद है हमारी ये पेशकश आपकी सुबह को नयी उर्जा से भर देगी, तो बस प्ले पर क्लिक कीजिये और हमारी इस प्रस्तुति का आनंद लीजिये. 'गुनगुनाते लम्हे' टीम आवाज़/एंकरिंग कहानी तकनीक अपराजिता कल्याणी अभय कुमार सिन्हा खुश्बू

गुनगुनाते लम्हे- गीतों भरी कहानीः एक नये कार्यक्रम की शुरूआत

गुनगुनाते लम्हे- 1 जब जमाना रेडियो का था तो रेडियो ने फिल्मी गीतों से सजा-धजाकर कई तरह के प्रयोग किये। इसी में एक प्रयोग था 'गीतों भरी कहानी' का, जिसमें कहानी को फिल्मी गीतों के माध्यम से शुरूआत से अंजाम तक पहुँचाया जाता था। आवाज़ वेब रेडियो के माध्यम से रेडियो का वो दौर इंटरनेट पर लाना चाहता है। हिन्द-युग्म आज से अपने 'आवाज़' मंच पर एक नये कार्यक्रम की शुरूआत कर रहा है, जिसे नाम दिया है 'गुनगुनाते लम्हे' । इसकी होस्ट हैं मखमली आवाज़ की मल्लिका 'रश्मि प्रभा'। हमारे श्रोता रश्मि प्रभा से पॉडकास्ट कवि सम्मेलन के माध्यम से परिचित हैं। 'गुनगुनाते लम्हे' महीने में दो बार पहले मंगलवार और तीसरे मंगलवार को सुबह 9 से 9:30 बजे के मध्य प्रसारित होगा। तो इंतज़ार किस बात का, आइए शुरू करते हैं आज का कार्यक्रम॰॰॰ बड़ा जोर है सात सुरों में, बहते आंसू जाते हैं थम ' -तो आंसुओं को थामकर हम लाये हैं कुछ गुनगुनाते लम्हें! हमारा बचपन शुरू होता है कहानियों की धरती पर, इसीलिए शुरू है हमारी कहानी और साथ में सात सुरों के रंग.... जी हाँ, हम आपकी थकान दूर करेंग