Skip to main content

Posts

Showing posts with the label Reetesh Khare

महफ़िल ए कहकशां - 3 - बम बम बम भोला..! रसन पिया अपनी रचना में गा कर सुनाते हैं शिव पार्वती विवाह वृत्तान्त के समय किस तरह नाग को देख पंडित तक काँप जाते हैं।

महफिले कहकशां (३) उस्ताद अब्दुल रशीद साहब  दो स्तों सुजोय और विश्व दीपक द्वारा संचालित "कहकशां" और "महफिले ग़ज़ल" का ऑडियो स्वरुप लेकर हम हाज़िर हैं, महफिले कहकशां के रूप में पूजा अनिल और रीतेश खरे  के साथ।  अदब और शायरी की इस महफ़िल में आज सुनिए उस्ताद अब्दुल रशीद खान उर्फ़ रसन पिया को श्रद्धांजलि उन्ही की गाई एक बंदिश से।   मुख्य स्वर - पूजा अनिल एवं रीतेश खरे  स्क्रिप्ट - विश्व दीपक एवं सुजॉय चटर्जी

जब एक "मुक्कमल शायर" की तलाश कमाल अमरोही को ले आई निदा फाजली तक

दोस्तों सुजोय और विश्व दीपक द्वारा संचालित "कहकशां" और "महफिले ग़ज़ल" का ऑडियो स्वरुप लेकर हम हाज़िर हैं, महफिले कहकशां के रूप में. पूजा अनिल और रीतेश खरे के साथ अदब और शायरी की इस महफ़िल में सुनिए वो मशहूर किस्सा, जब कमाल अमरोही एक मुक्कमल शायर को ढूंढते ढूंढते जा पहुंचें निदा फाजली तक, और शुरू हुआ निदा फाजली का फ़िल्मी सफ़र. उम्मीद है हमारी ये प्रस्तुति आपको पसंद आएगी

बोलती कहानियाँ - क्या वे उन्हें भूल सकती हैं? - निर्मल वर्मा

 'बोलती कहानियाँ' स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने प्राख्यात ब्लॉगर अर्चना चावजी की आवाज़ में महादेवी वर्मा की मार्मिक कहानी " घीसा का पॉडकास्ट सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं मूर्धन्य कथाकार और पत्रकार निर्मल वर्मा की प्रसिद्ध डायरी ' धुंध से उठती धुंध ' का अंश " क्या वे उन्हें भूल सकती हैं? , जिसको स्वर दिया है रीतेश खरे "सब्र जबलपुरी" ने।  कहानी का कुल प्रसारण समय 3 मिनट 41 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। जो पराजित हो जाते हैं , पीछे हट जाते हैं , इसलिए नहीं कि वे कम पोटेंट हैं, कम मर्द हैं, कम प्रेम करना जानते हैं ...  ~  निर्मल वर्मा (3 अप्रैल 1929 - 25 अक्तूबर 2005) हर शुक्रवार को यहीं पर सुनें एक नयी कहानी वे सो जाती