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एक गीत सौ अफ़साने || एपिसोड 01 || घूँघट की आड़ से दिलबर का

एक गीत सौ अफ़साने की पहली कड़ी में आज चर्चा फिल्म "हम हैं राही प्यार के" से सुपर हिट गीत "घूँघट की आड़ से दिलबर का" की  Ek Geet Sau Afsane explores the interesting unknown and unheard back stories of a Song. Every song has its own journey, and every new episode of this program is an attempt to understand the process behind making a song. with program head Sangya Tandon, her dedicated team of podcasters are here to tell these insightful stories that went behind in the process of making a song, enjoy. आप हमारे इस पॉडकास्ट को इन पॉडकास्ट साईटस पर भी सुन सकते हैं  Spotify Amazon music   Google Podcasts Apple Podcasts Gaana JioSaavn हम से जुड़ सकते हैं - facebook  instagram  YouTube  Hope you like this initiative, give us your feedback on radioplaybackdotin@gmail.com

'काव्यनाद' और 'सुनो कहानी' की बम्पर सफलता

हिन्द-युग्म ने 19वें विश्व पुस्तक मेले (जो 30 जनवरी से 7 फरवरी 2010 के दरम्यान प्रगति मैदान, नई दिल्ली में आयोजित हुआ) में बहुत-सी गतिविधियों के अलावा दो नायाब उत्पादों का भी प्रदर्शन और विक्रय किया। वे थे प्रेमचंद की 15 कहानियों का ऑडियो एल्बम ‘सुनो कहानी’ और जयशंकर प्रसाद, महादेवी वर्मा, सुमित्रानंदन पंत, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, रामधारी सिंह दिनकर, मैथिलीशरण गुप्त की प्रतिनिधि कविताओं के संगीतबद्ध स्वरूप का एल्बम ‘काव्यनाद’ । ये दोनों एल्बम विश्व पुस्तक मेला में सर्वाधिक बिकने वाले उत्पादों में से थे। दोनों एल्बमों की 500 से भी अधिक प्रतियों को साहित्य प्रेमियों ने खरीदा। इस एल्बम के ज़ारी किये जाने से पहले हिन्द-युग्म के संचालकों को भी इसकी इस लोकप्रियता और सफलता का अंदाज़ा नहीं था। 1 फरवरी 2010 को प्रगति मैदान के सभागार में इन दोनों एल्बमों के विमोचन का भव्य समारोह भी आयोजित किया गया जिसमें वरिष्ठ कवि अशोक बाजपेयी , प्रसिद्ध कथाकार विभूति नारायण राय और संगीत-विशेषज्ञ डॉ॰ मुकेश गर्ग ने भाग लिया। ‘काव्यनाद’ और ‘सुनो कहानी’ कहानी की इस सफलता के बाद ऑल इंडिया रेडिय

फरहान और कोंकणा के सपनों से भरे नैना

सप्ताह की संगीत सुर्खियाँ (10) "सांवरिया" मोंटी से है उम्मीदें संगीत जगत को १६ साल की उम्र में लक्ष्मीकांत प्यारेलाल के की -बोर्ड वादक के रूप में फ़िल्म "मिस्टर इंडिया" से अपने संगीत कैरियर की शुरुआत करने वाले मोंटी शर्मा आजकल एक टी वी चैनल पर नए गायक/गायिकाओं के हुनर की समीक्षा करते हुए दिखाई देते हैं. फ़िल्म "देवदास" में उन्होंने इस्माईल दरबार को सहयोग दिया था. इसी फ़िल्म के दौरान दरबार और निर्देशक संजय लीला बंसाली के रिश्ते बिगड़ गए, तो संजय ने मोंटी से फ़िल्म का थीम म्यूजिक बनवाया और बकायादा क्रडिट भी दिया. संजय की फ़िल्म "ब्लैक" के बाद मोंटी को अपना जलवा दिखने का भरपूर मौका मिला फ़िल्म "सांवरिया" से. इस फ़िल्म के बाद मोंटी ने इंडस्ट्री में अपने कदम जोरदार तरीके से जमा लिए. पिछले साल उनकी फ़िल्म "हीरो" का गीत हमारे टॉप ५० में स्थान बनने में सफल हुआ था. अभी हाल ही में फ़िल्म "चमकू" में अपने काम के लिए उन्हें कलाकार सम्मान के लिए नामांकन मिला है. मोंटी की आने वाली फिल्में हैं दीपक तिजोरी निर्देशित "फॉक्स"

शिवानी की कविताएँ, रूपेश के स्वर और संगीत

२ महीने पूर्व आवाज़ ने शिवानी सिंह की कविताओं का एल्बम 'मेरे ज़ज़्बात' ज़ारी किया था, आज हम उसी कड़ी को आगे बढ़ा रहे हैं और सुनवा रहे हैं शिवानी सिंह दो संगीतमयी कविताएँ रूपेश ऋषि के स्वर में। यदि यह प्रयास श्रोताओं को भाता है तो हम इस दिशा में आगे बढ़ सकते हैं। अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें। नाविक बहुत आसान होता है , तमन्नाओं का मचल जाना ! बहक जाना ,बहल जाना , किसीकी चाहत में मिट जाना ! बहुत आसान होता है , तमन्नाओं का मचल जाना ! है मुश्किल दिल के अरमानों का मंजिल तक पहुँच पाना ! संभल जाना ,सिमट जाना, किसीके दिल में उतर जाना ! बहुत आसान होता है, तमन्नाओं का मचल जाना ! बहुत कम हैं वो खुशकिस्मत, की पूरी हों तमन्नाएं ! कब मंजिल तक पहुँच पायी हैं, अरमानों की नौकाएं ! समुन्दर में ही रह जाती हैं, या फंस जाती भंवर में ही ! बहुत कम होते हैं वो नाविक जो साहिल तक पहुंचते हैं ! बहुत कम होते हैं वो नाविक जो साहिल तक पहुंचते हैं ! मेरे आँसू मेरे आंसू न रोके कोई आज इन्हें बह जाने दो ! कल तक थे ये साथी मेरे, इनको भी अब जाने दो ! मेरे आंसू न रोके कोई आज इन्हें बह जाने दो ! टूटे रिश्तों की दुनिया

गए दिनों का सुराग लेकर...आशा जी और गुलाम अली

पूरे कायनात की मौसिकी यहां इस परिवार में बसती है... चूँकि इस पूरे माह हम बात कर रहे हैं मंगेशकर बहनों की, जिनकी दिव्य आवाजों ने हिन्दी फ़िल्म संगीत का आकाश सजाया है. इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए आज आवाज़ पर, दिलीप कवठेकर आयें हैं, आशा जी के गुलाम अली साहब के साथ बनी एल्बम "मेराज़-ए-ग़ज़ल" की रिकॉर्डिंग के समय का एक संस्मरण लेकर, पढ़ें और आनंद लें इस बेमिसाल सी ग़ज़ल का. मेरा बचपन का मित्र है, दीपक भोरपकर.इन्दौर में बचपन में साथ साथ गाना बजाना करते थे. वह तबला बजाता था, मै गाना. बडे दिनों बाद लगभग २५ वर्षों बाद पुनर्मिलन हुआ तो पता चला की जनाब मुंबई में है, और हृदयनाथ मंगेशकर के साथ कार्यक्रम में बजाते भी है. यह भी पता चला की वो लताजी और आशा जी को तबले पर रियाज़ भी करवाता है.वे दोनो लगभग रोज़ रियाज़ करती थी उन दिनों में भी. उन दिनों आशा जी का गुलाम अली साहब के साथ जो एलबम निकल रहा था उस के लिए रियाज़ चल रहा था. दीपक उसी में बहुत व्यस्त था. दुर्भाग्यवश ,संभव होते हुए भी मेरा वहां जाने का संयोग नही बन पाया. लेकिन बातों बातों में उन दिनों का यह ताज़ा संस्मरण उसने सुनाया जो आप के लिये प्रस्तुत

आवाज़ की सिफारिश - " रॉक ऑन "

संगीत और दोस्ती पर आधारित ये नई फ़िल्म, एक बेहतरीन प्रस्तुति है और सभी संगीत कर्मियों और संगीत प्रेमियों के लिए " A must watch " है, कहानी है चार दोस्तों की जो की हिन्दुस्तान का सबसे बड़ा रॉक बैंड बनाना चाहते थे, पर बहुत कोशिशों के बावजूद वो ऐसा नही कर पाते, सब की जिंदगियां अलग अलग रास्तों की तरफ़ मुड जाती है, लगभग १० साल बाद वो फ़िर मिलते हैं, और फ़िर से शुरू करते हैं एक नया सफर....और इस बार... इस बार उन्हें जीतने से कोई नही रोक सकता. अभिषेक कपूर जो इससे पहले "आर्यन" बना चुके हैं, ने पूरी कहानी को जिस अंदाज़ में प्रस्तुत किया है, वह बेमिसाल है, सभी कलकारों, अर्जुन रामपाल, पूरब कोहली, फरहान अख्तर, लुक केन्नी, और प्राची देसाई (जिन्हें आप अब तक बहु के रूप में देख चुके हैं एकता कपूर के धारावाहिकों में, यहाँ एक बिल्कुल ही अलग अंदाज़ में दिखेंगी) ने बेहतरीन अभिनय किया है, शंकर-एहसान-लोय का संगीत जबरदस्त है. ज्यादा हम क्या कहें, आप ख़ुद देखें और जानें, फ़िल्म का संदेश बेहद साफ़ है, "अपने सपनों को जियो, तो जिंदगी सपनों की तरह खूबसूरत बन जाती है", यही संदेश आवाज़ का

वो पीपल का पत्ता, है अब भी अकेला...

दूसरे सत्र के छठे गीत का विश्वव्यापी उदघाटन आज. आज हम अपने संगीत प्रेमियों के समक्ष लेकर आए हैं, एक और ताज़ी आवाज़, सुदीप यशराज की, ये युग्म के संगीत इतिहास में दूसरी बार है, जब किसी भी गीत के समस्त पक्ष को एक ही कलाकार ने संभाला है. सुदीप ने यह गीत ख़ुद ही लिखा, स्वरबद्ध किया और गाया है, उनका संगीत ताजगी भरा है और हमें यकीं हैं कि नयेपन की कमी जो हमारे कुछ श्रोताओं को महसूस हुई है अब तक, वो इस गीत के साथ दूर हो जायेगी. तो सुनें ये ताज़ा गीत, और अपने विचारों से सुदीप का प्रोत्साहन/मार्गदर्शन करें. गीत सुनने के लिए प्लेयर पर क्लिक करें. This Friday, we are introducing another very talented upcoming composer and singer, Sudeep Yashraaj to you. Sudeep is here with a new genre of sound, this song has a fresh new feel to it. With a very new way of writing and singing we are sure that he will steal your heart with his "beinteha pyar...". So enjoy this brand new song and do leave your comments as well. To listen to the song, please click on the player Lyrics: Vo o o o o, Beinteha pyar

यादों के बदल छाए, उमड़ घुमड़ घिर आए....

दोस्तो, हमें यह बताते हुए बेहद खुशी हो रही है, की हिंद युग्म के संगीत-सफर के सबसे पहले गायक सुबोध साठे (नागपुर) ने अपनी वेब साईट http://www.subodhsathe.com/ पर अपनी पहली मराठी एल्बम " मेघा दातले " का भव्य विमोचन किया है, जहाँ से आप इनके गीतों को डाउनलोड कर सकते हैं, साथ ही उन्होंने इसी एल्बम के एक गीत "ती जताना" का एक विडियो भी बनाया है जिसे आप यहाँ भी देख सकते हैं - हमने की इसी बाबत सुबोध से बातचीत की, पेश है कुछ अंश - Hind Yugm - Hi Subodh, finally a full marathi album, tell us what this "megha datle" is all about, the theme behind the album ? 'पहला सुर' में सुबोध के गीत सुबह की ताज़गी वो नर्म सी झलक Subodh - Yeah, finally! After starting all my compositions in Hindi, I thought I should do something in Marathi as well and started searching for meaningful poems. I found very tallented people through orkut who penned these songs for me (some of them on demand and some were already written) Lyricists are..Tushar Joshi, Renuka Khatavkar, Arun Nan

संगीत दिलों का उत्सव है - संगीत के नए सत्र की पहली सौगात

मित्रों, आज से आवाज़ पर शुरू हो रहा है, संगीत का एक नया उत्सव," पहला सुर " के कामियाब प्रयोग के बाद संगीत का ये नया सत्र शुरू करते हुए, हिंद युग्म उम्मीद करता है कि इस सत्र में प्रस्तुत होने वाले सभी गीत आपको और अधिक पसंद आयेंगे, जो संगीतकार हमारे साथ पहली एल्बम में जुड़े थे उनके भी संगीत में आप गजब की परिपक्वता देंखेंगे और उससे भी ज्यादा खुशी की बात यह है कि जो नए संगीतकार इस बार जुड़े हैं, सभी नौजवान हैं और बेहद गुणी हैं अपने फन में. संयोगवश जिस गीत को हमने इस सत्र की शुरुवात करने के लिए चुना है, वो भी दस्तक है एक नए युवा संगीतकार जोड़ी की, जो दूर केरल के दो प्रान्तों में रहते हैं और कोयम्बतूर के करुणया महाविद्यालय से b-tech की पढ़ाई कर रहे हैं, इनके नाम है निखिल और चार्ल्स , निखिल के संगीत में जहाँ बारिश में भीगी मिटटी की सौंधी सौंधी महक मिलेगी आपको, तो चार्ल्स के गायन में किसी निर्झर सा प्रवाह, एक और आवाज़ है इस गीत में, गायिका मिथिला की, जिन्होंने बाखूबी साथ दिया है इस जोड़ी का, इस गीत को और खूबसूरत बनाने में, सजीव सारथी के लिखे, इस गीत को अपने एक दोस्त के होम स्टूडियो में

मातृ दिवस पर गौरव सोलंकी और विपुल शुक्ला का काव्य-पाठ

डैलास, अमेरिका के हिन्दी एफ॰एम॰ चैनल रेडियो सलाम नमस्ते के कार्यक्रम में 11 मई 2008 की रात्रि 9 बजे (भारतीय समयानुसार 12 मई 2008 की सुबह 7:30 बजे) मातृ दिवस पर आयोजित 'कवितांजलि' के विशेष अंक में हिन्द-युग्म की ओर से गौरव सोलंकी और विपुल शुक्ला ने काव्यपाठ किया। गौरव सोलंकी और विपुल शुक्ला के प्रोत्साहन के लिए हिन्द-युग्म की स्थाई पाठिका रचना श्रीवास्तव ने फोन करके दोनों को बधाइयाँ दी, उसे भी हमने रिकार्ड किया है, लेकिन वो ठीक से रिकार्ड नहीं हो पाया है। अमेरिका के ही पेशे से कवि हृदयी डॉक्टर कमल किशोर ने भी अपने काव्यपाठ के बाद गौरव सोलंकी की कविता की सराहना की। इस कार्यक्रम का संचालन श्री आदित्य प्रकाश करते हैं। नीचे के प्लेयर से सुनें. (प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर 'प्ले' पर क्लिक करें।) यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंकों से डाऊनलोड कर लें (ऑडियो फ़ाइल तीन अलग-अलग फ़ॉरमेट में है, अपनी सुविधानुसार कोई एक फ़ॉरमेट चुनें) VBR MP3 64Kbps MP3 Ogg Vorbis Gaurav Solnaki's & Vipul Shukla's Kavyapaath

इस तरह से बजा 'पहला सुर' (Story of Pahala Sur)

मार्च 2008 के अंत में आकाशवाणी के वरिष्ठ उद्घोषक प्रदीप शर्मा ने हिन्द-युग्म के पहले स्वरबद्ध एल्बम 'पहला सुर' के इंचार्ज़ सजीव सारथी से बातचीत की, जिसे दिल्ली विश्वविद्यालय के सामुदायिक रेडियो DU-FM पर प्रसारित भी किया गया। हमें उस प्रोग्राम की रिकार्डिंग प्राप्त हो गई तो हमने सोचा कि क्यों ने इंटरनेट के श्रोताओं को भी इसे सुनवाया जाय, ताकि इंटरनेट के श्रोता भी जान पायें कि 'पहला सुर' के पीछे की कहानी क्या है? पूरा कार्यक्रम 52:30 मिनट का है, अतः धैर्य से सुनें और ज़रूर बतायें कि यह कार्यक्रम कैसा लगा? झटपट सुनने के लिए नीचे ले प्लेयर से सुनें. (प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर 'प्ले' पर क्लिक करें।) यदि आप फिर भी इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो यहाँ से डाउनलोड कर लें। Interview of Sajeev Sarathie on 90.4 DU-FM

परियों की शहज़ादी (Pariyon ki Shahzadi)

श्रोताओं की सलाहों पर ध्यान देते हुए, बच्चो, इस बार मीनू आंटी ने बिलकुल नये अंदाज़ में सीमा सचदेव की कविता ' परियों की शहज़ादी ' को रिकार्ड किया है। अब वो कितनी सफल हुई हैं, यह तो आपलोग ही बतायेंगे। नीचे ले प्लेयर से सुनें. (प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर 'प्ले' पर क्लिक करें।) यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंकों से डाऊनलोड कर लें (ऑडियो फ़ाइल तीन अलग-अलग फ़ॉरमेट में है, अपनी सुविधानुसार कोई एक फ़ॉरमेट चुनें) VBR MP3 64Kbps MP3 Ogg Vorbis

सूरज (Sooraj)

बच्चो, बहुत दिन हुए आपकी प्रिय मीनू आंटी की आवाज़ में हम कोई कविता पॉडकास्ट नहीं कर पा रहे थे। लेकिन आपका इंतज़ार खत्म हो गया है। हम इसबार बालकवि ऋषिकेश शिवाजी नलावडे की कविता 'सूरज' लेकर आये हैं। ज़रूर सुनिएगा, अपने दोस्तों को सुनाइएगा और बताइएगा कि कैसा लगा। नीचे ले प्लेयर से सुनें. (प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर 'प्ले' पर क्लिक करें।) यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंकों से डाऊनलोड कर लें (ऑडियो फ़ाइल तीन अलग-अलग फ़ॉरमेट में है, अपनी सुविधानुसार कोई एक फ़ॉरमेट चुनें) VBR MP3 64Kbps MP3 Ogg Vorbis

गुड़िया रानी बड़ी सयानी (Gudiya Rani Badi Sayani)

अभी २ दिन पहले ही हमने वादा किया था कि बाल-रचनाओं का पॉडकास्ट लेकर हम आते रहेंगे। लीजिए हम फिर हाज़िर हैं। इस बार मीनाक्षी 'मीनू' ने बाल-उद्यान में प्रकाशित केशव कुमार कर्ण की कविता ' गुड़िया रानी बड़ी सयानी ' को अपनी आवाज़ दी है। नीचे ले प्लेयर से सुनें. (प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर 'प्ले' पर क्लिक करें।) यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंकों से डाऊनलोड कर लें (ऑडियो फ़ाइल तीन अलग-अलग फ़ॉरमेट में है, अपनी सुविधानुसार कोई एक फ़ॉरमेट चुनें) VBR MP3 64Kbps MP3 Ogg Vorbis

तितली परी (Titali Pari)

आज से हिन्द-युग्म अपने आवाज़-मंच पर एक नई शुरूआत कर रहा है। अभी तक हम कहानियों का पॉडकास्ट, कविताओं का पॉडकास्ट, संगीतबद्ध गीतों का पॉडकास्ट प्रकाशित करता रहा था। लेकिन इस बार हम बाल साहित्य का पॉडकास्ट आरम्भ कर रहे हैं। बाल-उद्यान पर प्रकाशित बाल-रचनाओं (कविता, कहानी, ज्ञानवर्धक लेख आदि) को एक-एक करके नियमित रूप से मीनाक्षी 'मीनू' अपनी आवाज़ देंगी। आज हम बच्चों के लिए पहले पॉडकास्ट के रूप में कवि कुलवंत सिंह की कविता 'तितली परी' का पॉडकास्ट लेकर आये हैं। मीनाक्षी 'मीनू' और हिन्द-युग्म का यह प्रयास आपको कितना पसंद आया, यह तो आपकी प्रतिक्रियाओं से पता चलेगा। नीचे ले प्लेयर से सुनें. (प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर 'प्ले' पर क्लिक करें।) यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंकों से डाऊनलोड कर लें (ऑडियो फ़ाइल तीन अलग-अलग फ़ॉरमेट में है, अपनी सुविधानुसार कोई एक फ़ॉरमेट चुनें) VBR MP3 64Kbps MP3 Ogg Vorbis

मेरा कमरा (Mera Kamara)

बहुत दिनों से हमने आवाज़ पृष्ठ को किसी आवाज़ से नहीं नावाज़ा। या यूँ कहलें कि सामूहिक आवाज़ 'पहला सुर' में इतनी आवाज़ें थी कि महीनों से इसकी ज़रूरत नहीं पड़ी। आज हम मनुज़ मेहता की आवाज़ लेकर उपस्थित हैं। स्वर- मनुज मेहता बोल- मेरा कमरा नीचे ले प्लेयर से सुनें और ज़रूर बतायें कि कैसा लगा? (प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर 'प्ले' पर क्लिक करें।) यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो यहाँ से डाऊनलोड कर लें।

कहानी 'एक और मुखौटा' का पॉडकास्ट

पिछले महीने हिन्द-युग्म ने कहानियों के पॉडकास्ट के प्रसारण की शुरूआत की थी। आज हम आपके समक्ष दूसरा पॉडकास्ट लेकर प्रस्तुत हैं। इस बार श्रीकांत मिश्र 'कांत' , शोभा महेन्द्रू और श्वेता मिश्रा की टीम ने रंजना भाटिया की कहानी 'एक और मुखौटा' का पॉडकास्ट बनाया। अपने प्रयास में हिन्द-युग्म की यह टीम कितनी सफल रही है, ये तो आप श्रोता ही बतायेंगे। नीचे के प्लेयर से सुनें और ज़रूर बतायें कि कैसा लगा? (प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर 'प्ले' पर क्लिक करें।) यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो यहाँ से डाउनलोड कर लें।

नाता (अनुपमा चौहान की आवाज़ में गीत)

७ मार्च २००७ को हिन्द-युग्म पर एक गीत प्रकाशित हुआ था 'नाता' । आज हम उसी गीत को इसकी रचनाकार अनुपमा चौहान की आवाज़ में रिकार्ड करके आपके सेवा में दुबारा उपस्थित हुए हैं। आशा है आपको पसंद आयेगा। स्वर- अनुपमा चौहान बोल- नाता नीचे ले प्लेयर से सुनें और ज़रूर बतायें कि कैसा लगा? (प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर 'प्ले' पर क्लिक करें।)

बाल-दिवस - किसके लिए?

कुछ दिनों पूर्व हिन्द-युग्म जब नवम्बर माह की प्रतियोगिता से हमने पंखुड़ी कुमारी की कविता 'बाल दिवस -किसके लिए?' प्रकाशित की थी तो हमारे एक पाठक शैलेश चन्द्र जम्लोकी (मुनि) ने अनुरोध किया था कि इस कविता को सुरों में ढाला जाना चाहिए। हमने स्वरबद्ध तो नहीं किया है लेकिन हाँ, विकास कुमार की आवाज़ में पॉडकास्ट अवश्य कर रहे हैं। नीचे ले प्लेयर से सुनें और ज़रूर बतायें कि कैसा लगा? (प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर 'प्ले' पर क्लिक करें।) यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंकों से डाऊनलोड कर लें (ऑडियो फ़ाइल तीन अलग-अलग फ़ॉरमेट में है, अपनी सुविधानुसार कोई एक फ़ॉरमेट चुनें) VBR MP3 64Kbps MP3 Ogg Vorbis

तरबूज का भूत

पिछले महीने हिन्द-युग्म ने उद्‌घोषणा की थी कि जल्द ही प्रो॰ राजीव शर्मा की आवाज में उन्हीं की व्यंग्य कविताएँ पॉडकास्ट की जायेंगी। आज हम पहली व्यंग्य कविता लेकर हाज़िर हैं। विपुल शुक्ला के सहयोग से प्रो॰ राजीव शर्मा की व्यंग्य रचना 'तरबूज का भूत' हम तक पहुँच सका है। नीचे ले प्लेयर से सुनें और ज़रूर बतायें कि कैसा लगा? (प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर 'प्ले' पर क्लिक करें।) यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंकों से डाऊनलोड कर लें (ऑडियो फ़ाइल तीन अलग-अलग फ़ॉरमेट में है, अपनी सुविधानुसार कोई एक फ़ॉरमेट चुनें) VBR MP3 64Kbps MP3 Ogg Vorbis