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कुछ कुछ सबको मिलता है- गुनगुनाते लम्हे का नया एपीसोड

आज है माह का तीसरा मंगलवार और मौका है गुनगुनाते लम्हे का। इस कार्यक्रम के माध्यम से हम किसी एक कहानी को गीतों की चाश्‍नी में डुबोते हैं ताकि आप उसे पूरा रस लेकर सुन सकें। इस बार की कहानी थोड़ी लम्बी है। लेकिन कहानी की लेखिका दीपाली आब का मानना है कि आप इसे सुनकर बिलकुल बोर नहीं होगें। तो चलिए आपके साथ हम भी आनंद लेते हैं इस कहानी का- इस बार की कहानी में आवाज़/एंकरिंग/कहानी तकनीक दीपाली आब शैलेश भारतवासी आप भी चाहें तो भेज सकते हैं कहानी लिखकर गीतों के साथ, जिसे देंगी रश्मि प्रभा अपनी आवाज़! जिस कहानी पर मिलेगी शाबाशी (टिप्पणी) सबसे ज्यादा उनको मिलेगा पुरस्कार हर माह के अंत में 500 / नगद राशि। हाँ यदि आप चाहें खुद अपनी आवाज़ में कहानी सुनाना, तो भी आपका स्वागत है.... 1) कहानी मौलिक हो। 2) कहानी के साथ अपना फोटो भी ईमेल करें। 3) कहानी के शब्द और गीत जोड़कर समय 35-40 मिनट से अधिक न हो, गीतों की संख्या 7 से अधिक न हो।। 4) आप गीतों की सूची और साथ में उनका mp3 भी भेजें। 5) ऊपर्युक्त सामग्री podcast.hindyugm@gmail.com पर ईमेल करें।

गुनगुनाते लम्हे में अमृता-इमरोज़ के प्यार की दास्तां

अभी कुछ दिन पहले आपने मशहूर चित्रकार इमरोज़ का विशेष इंटरव्यू पढ़ा जिसे आप सबके लिए लाया था रश्मि प्रभा ने। इस बार के 'गुनगुनाते लम्हे' में भी रश्मि प्रभा गीतों के माध्यम से अमृता-इमरोज़ की अमर प्रेम-कहानी लेकर आई हैं। बिना किसी विशेष भूमिका के हम आपको सुनवा रहे हैं 'प्यार की दास्ताँ' - 'गुनगुनाते लम्हे' टीम आवाज़/एंकरिंग/कहानी तकनीक रश्मि प्रभा खुश्बू आप भी चाहें तो भेज सकते हैं कहानी लिखकर गीतों के साथ, जिसे देंगी रश्मि प्रभा अपनी आवाज़! जिस कहानी पर मिलेगी शाबाशी (टिप्पणी) सबसे ज्यादा उनको मिलेगा पुरस्कार हर माह के अंत में 500 / नगद राशि। हाँ यदि आप चाहें खुद अपनी आवाज़ में कहानी सुनाना, तो भी आपका स्वागत है.... 1) कहानी मौलिक हो। 2) कहानी के साथ अपना फोटो भी ईमेल करें। 3) कहानी के शब्द और गीत जोड़कर समय 35-40 मिनट से अधिक न हो, गीतों की संख्या 7 से अधिक न हो।। 4) आप गीतों की सूची और साथ में उनका mp3 भी भेजें। 5) ऊपर्युक्त सामग्री podcast.hindyugm@gmail.com पर ईमेल करें।

गुनगुनाते लम्हे में इस बार गौरव शर्मा की कहानी

दोस्तो, हर महीने के पहले और तीसरे मंगलवार को आवाज़ लेकर आता है एक कहानी-गीतों की जुबानी। इस कार्यक्रम के माध्यम से हम अपने श्रोताओं को रेडियो के उसी जमाने में पहुँचा देना चाहते हैं जब पूरा हिन्दुस्तान एक साथ एक कहानी को फिल्मों गीतों के माध्यम से ग्रहण करता था। 19वाँ पुस्तक मेला में हमने अपनी विवरण पुस्तिका में इस बात का ज़िक्र किया कि जल्द ही हम एक वेबरेडियो लॉन्च करेंगे। यह पाक्षिक वेबरेडियो उसी की एक टेस्टिंग है। आज की कहानी गौरव शर्मा की है। आवाज़ हमेशा की तरह अपराजिता कल्याणी की है और तकनीक खुश्बू की है। नीचे के प्लेयर से सुनें- आप भी चाहें तो भेज सकते हैं कहानी लिखकर गीतों के साथ, जिसे दूंगी मैं अपनी आवाज़! जिस कहानी पर मिलेगी शाबाशी (टिप्पणी) सबसे ज्यादा उनको मिलेगा पुरस्कार हर माह के अंत में 500 / नगद राशि। हाँ यदि आप चाहें खुद अपनी आवाज़ में कहानी सुनाना तो आपका स्वागत है.... 1) कहानी मौलिक हो। 2) कहानी के साथ अपना फोटो भी ईमेल करें। 3) कहानी के शब्द और गीत जोड़कर समय 35-40 मिनट से अधिक न हो, गीतों की संख्या 7 से अधिक न हो।। 4) आप गीतों की सूची और साथ में उनका mp3 भी भेजें।

गुनगुनाते लम्हें में सरस्वती प्रसाद की कहानी

गुनगुनाते लम्हे- 5 जैसा कि आप जानते हैं आज महीने का तीसरा मंगलवार है। तीसरा मंगलवार मतलब गुनगुनाते लम्हे का दिन। तो चलिए आज के दिन को गीतों भरी कहानी से रुमानी बनाते हैं। अपराजिता की दिकलश आवाज़ में गुनते हैं सरस्वती प्रसाद की कहानी। 'गुनगुनाते लम्हे' टीम आवाज़/एंकरिंग कहानी तकनीक अपराजिता कल्याणी सरस्वती प्रसाद खुश्बू आप भी चाहें तो भेज सकते हैं कहानी लिखकर गीतों के साथ, जिसे दूंगी मैं अपनी आवाज़! जिस कहानी पर मिलेगी शाबाशी (टिप्पणी) सबसे ज्यादा उनको मिलेगा पुरस्कार हर माह के अंत में 500 / नगद राशि। हाँ यदि आप चाहें खुद अपनी आवाज़ में कहानी सुनाना तो आपका स्वागत है.... 1) कहानी मौलिक हो। 2) कहानी के साथ अपना फोटो भी ईमेल करें। 3) कहानी के शब्द और गीत जोड़कर समय 35-40 मिनट से अधिक न हो, गीतों की संख्या 7 से अधिक न हो।। 4) आप गीतों की सूची और साथ में उनका mp3 भी भेजें। 5) ऊपर्युक्त सामग्री podcast.hindyugm@gmail.com पर ईमेल करें।

साल 2010 की पहली गीतों भरी कहानी

गुनगुनाते लम्हे- 4 आज जनवरी महीना का पहला मंगलवार है। पहला मंगलवार मतलब गुनगुनाते लम्हे का दिन। वैसे देखा जाये तो आज का दिन साल 2010 का भी पहला मंगलवार है। तो चलिए आज के दिन को गीतों भरी कहानी से रुमानी बनाते हैं। अपराजिता की दिकलश आवाज़ में गुनते हैं रश्मि प्रभा की कहानी। 'गुनगुनाते लम्हे' टीम आवाज़/एंकरिंग कहानी तकनीक अपराजिता कल्याणी रश्मि प्रभा खुश्बू आप भी चाहें तो भेज सकते हैं कहानी लिखकर गीतों के साथ, जिसे दूंगी मैं अपनी आवाज़! जिस कहानी पर मिलेगी शाबाशी (टिप्पणी) सबसे ज्यादा उनको मिलेगा पुरस्कार हर माह के अंत में 500 / नगद राशि। हाँ यदि आप चाहें खुद अपनी आवाज़ में कहानी सुनाना तो आपका स्वागत है.... 1) कहानी मौलिक हो। 2) कहानी के साथ अपना फोटो भी ईमेल करें। 3) कहानी के शब्द और गीत जोड़कर समय 35-40 मिनट से अधिक न हो, गीतों की संख्या 7 से अधिक न हो।। 4) आप गीतों की सूची और साथ में उनका mp3 भी भेजें। 5) ऊपर्युक्त सामग्री podcast.hindyugm@gmail.com पर ईमेल करें।

गीतों भरी कहानी का दूसरा अंक

गुनगुनाते लम्हे- 2 3 नवम्बर 2009 से हमने आवाज़ पर एक नये कार्यक्रम गीतों भरी कहानी की शुरूआत की है। जिसमें फिल्मी गीतों के माध्यम से एक कहानी को गुनते और बुनते हैं। आज हम इसका दूसरा अंक लेकर हाज़िर हैं। कहानी है रेणु सिन्हा की, स्वर है अपराजिता कल्याणी की और तकनीकी संचालन खुश्बू ने किया है। इस बार हमने समय का ख्याल रखा है। जल्दी से सुन भी लेंगे और गुन भी लेंगे। अपनी राय ज़रूर दें। 'गुनगुनाते लम्हे' टीम आवाज़/एंकरिंग कहानी तकनीक अपराजिता कल्याणी रेणु सिन्हा खुश्बू

गुनगुनाते लम्हे- गीतों भरी कहानीः एक नये कार्यक्रम की शुरूआत

गुनगुनाते लम्हे- 1 जब जमाना रेडियो का था तो रेडियो ने फिल्मी गीतों से सजा-धजाकर कई तरह के प्रयोग किये। इसी में एक प्रयोग था 'गीतों भरी कहानी' का, जिसमें कहानी को फिल्मी गीतों के माध्यम से शुरूआत से अंजाम तक पहुँचाया जाता था। आवाज़ वेब रेडियो के माध्यम से रेडियो का वो दौर इंटरनेट पर लाना चाहता है। हिन्द-युग्म आज से अपने 'आवाज़' मंच पर एक नये कार्यक्रम की शुरूआत कर रहा है, जिसे नाम दिया है 'गुनगुनाते लम्हे' । इसकी होस्ट हैं मखमली आवाज़ की मल्लिका 'रश्मि प्रभा'। हमारे श्रोता रश्मि प्रभा से पॉडकास्ट कवि सम्मेलन के माध्यम से परिचित हैं। 'गुनगुनाते लम्हे' महीने में दो बार पहले मंगलवार और तीसरे मंगलवार को सुबह 9 से 9:30 बजे के मध्य प्रसारित होगा। तो इंतज़ार किस बात का, आइए शुरू करते हैं आज का कार्यक्रम॰॰॰ बड़ा जोर है सात सुरों में, बहते आंसू जाते हैं थम ' -तो आंसुओं को थामकर हम लाये हैं कुछ गुनगुनाते लम्हें! हमारा बचपन शुरू होता है कहानियों की धरती पर, इसीलिए शुरू है हमारी कहानी और साथ में सात सुरों के रंग.... जी हाँ, हम आपकी थकान दूर करेंग