Skip to main content

Posts

Showing posts with the label Ek Thi Daayan

एक डायन जो डराती नहीं, सुरीली तान छेड़ माहौल खुशगवार बनाती है!

प्लेबैक वाणी -4 2 - संगीत समीक्षा - एक थी डायन इस साल की शुरुआत विशाल और गुलज़ार की टीम रचित  मटरू की बिजिली का मंडोला  से हुई थी. यही सदाबहार जोड़ी एक बार फिर श्रोताओं के समक्ष है इस बार एक डायन की कहानी के बहाने. जी हाँ  एक थी डायन  के संगीत एल्बम के साथ वापसी कर रही है विशाल की पूरी की पूरी टीम. चलिए मिलते हैं इस संगीतमय डायन से आज.   सूरज से पहले जगायेंगें, और अखबार की सारी सुर्खियाँ पढ़ के सुनायेंगें...मुँह खुली जम्हायीं पर हम बजायेंगें चुटकियाँ.... बड़े ही अनूठे अंदाज़ से खुलता है ये गीत, जहाँ पहली पंक्ति से ही गुलज़ार साहब श्रोताओं के कान खड़े कर देते हैं. हालाँकि विशाल की धुन में कहीं कहीं  सात खून माफ  के ओ मामा  की झलक मिलती है, पर सच मानिये शब्दों का नयापन सारी खामियों को भर देता है, उस पर सुनिधि की आवाज़ जादू सा असर करती है. हालाँकि क्लिंटन की आवाज़ भी उनका भरपूर साथ देती है. सपने में मिलती है  में खनकती सुरेश वाडकर की आवाज़ आज भी दिल को गुदगुदा जाती है. संजीदा आवाज़ वाले सुरेश से मस्ती वाले ऐसे गीत विशाल बखूबी गवा सकते हैं.  तोते उड़ गए  एक ऐसा ही गाना है.