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डेरा उखड़ने से पहले - वंदना अवस्थी दुबे

इस लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम आपको सुनवाते रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा के स्वर में मुंशी प्रेमचंद की एक प्रेरक कथा पञ्च परमेश्वर सुनी थी।

आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं वंदना अवस्थी दुबे की एक कथा डेरा उखड़ने से पहले जिसे स्वर दिया है पूजा अनिल ने।

प्रस्तुत कथा का गद्य "सेतु द्वैभाषिक पत्रिका" पर उपलब्ध है। "डेरा उखड़ने से पहले" का कुल प्रसारण समय 26 मिनट 22 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।

यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें।


वंदना अवस्थी दुबे
पाँच वर्षों तक आकाशवाणी छतरपुर में अस्थायी उद्घोषिका के रूप में कार्य करने के बाद "दैनिक देशबंधु"- सतना में उप सम्पादक/फ़ीचर सम्पादक के रूप में बारह वर्षीय कार्यानुभव वर्तमान में निजी विद्यालय का संचालन, स्वतंत्र पत्रकारिता और लेखन कार्य। 

हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कहानी

"झट से फोन पटक दिया आभा जी ने, जैसे किसी अपवित्र करने वाली चीज़ को छू लिया हो।”
(वंदना अवस्थी दुबे कृत "डेरा उखड़ने से पहले" से एक अंश)


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यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंक से डाऊनलोड कर लें:
डेरा उखड़ने से पहले MP3

#Eighth Story, Dera Ukhadane Se Pahle: Vandana Awasthi/Hindi Audio Book/2018/8. Voice: Pooja Anil

Comments

Anita said…
आभा जी के दिल की हालत को शब्द दिए लेखिका ने लेकिन उसे जीवंत कर दिया पूजा जी की मधुर आवाज और अनोखे अंदाज ने..सुंदर कहानी के लिए बधाई.

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