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"तेरी ही लत लगी है आजकल" - क्या वाक़ई Singles की लत लगी है आजकल?

चित्रशाला - 09
Singles - ग़ैर फ़िल्म-संगीत की नई प्रवृत्ति





'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी पाठकों को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार! प्रस्तुत है फ़िल्म और फ़िल्म-संगीत के विभिन्न पहलुओं से जुड़े विषयों पर आधारित शोधालेखों का स्तंभ ’चित्रशाला’। भले इस स्तंभ में हम फ़िल्म और फ़िल्म-संगीत संबंधित विषयों पर चर्चा करते हैं, आज हम नियम भंग करने की ग़ुस्ताख़ी कर रहे हैं, हालाँकि जिस विषय की हम चर्चा करने जा रहे हैं वह फ़िल्म जगत से बहुत ज़्यादा दूरी पर नहीं है। आज हम चर्चा करेंगे संगीत के एक नए झुकाव की, आज के दौर के संगीत की एक नई प्रवृत्ति जिसे हम ’Singles' का नाम देते हैं। 



भारत एक ऐसा देश है जहाँ 100 करोड़ लोगों की आबादी कुछ गिने चुने सितारों के ही दीवाने हैं, और जहाँ हिन्दी फ़िल्मों से बढ़ कर कोई ऐसी चीज़ नहीं है जो 100 करोड़ आबादी तक समान रूप से पहुँच सके। अतीत में यह बिल्कुल आश्चर्य की बात नहीं थी कि अगर आपको अपना गीत जन जन तक पहुँचाना हो तो उसे एक फ़िल्मी गीत ही होना पड़ता था। लेकिन आज समय बदल चुका है। एक नया ज़रिया, एक नया फ़ॉरमुला आ गया है जिसके ज़रिए कोई भी व्यक्ति अपने श्रोताओं और जन-साधारण तक बड़ी आसानी से पहुँच सकता है। और इस जादू की छड़ी का नाम है ’सिंगल्स’ (Singles)। जी हाँ, आप अपना एक ’सिन्गल’ (एक गीत) बनाइए, उसका एक आकर्षक विडियो शूट कीजिए, टेलीविज़न पर उसका प्रोमो डाल दीजिए और प्रार्थना कीजिए कि सोशल नेटवर्किंग् पर वन वाइरल बन जाए, उसे करोड़ों हिट्स मिले, और इस तरह से आपने ना केवल एक रचनात्मक कार्य किया बल्कि व्यावसायिक सफलता भी अर्जित की।

सिन्गल्स का सिलसिला भले विदेशों में एक लम्बे अरसे से चला आ रहा है, हमारे देश में इसकी प्रथा
हाल ही में, या यूं कहें कि 2014 से चल पड़ी है जब लोकप्रिय रैपर यो यो हनी सिंह ने ’देसी कलाकार’ सिन्गल बना कर रातों रात तहल्का मचा दिया था। इस सिन्गल के लिए उन्होंने अमरीका के लॉस ऐजेलिस में सोनाक्षी सिंहा को लेकर एक आकर्षक विडियो शूट कर इसे और भी ज़्यादा लोकप्रिय बना दिया था। इसके बाद संगीतकार व गायक शेखर रवजियानी (विशाल-शेखर वाले) ने ’हनुमान चालिसा’ का एक अपना अलग संस्करण तैयार किया जिसे भी लोगों ने सराहा। फिर आया सोनू निगम का ’त्रिनि लड़की’ जिसने सोनू निगम के शुरुआती समय के तमाम ग़ैर-फ़िल्मी ऐल्बमों की यादें ताज़ा कर दी। अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा भी पीछे नहीं रहीं और विलियम के साथ ’In My City' गा कर सभी को चकित कर दिया। लेकिन जिस सिन्गल ने सिन्गल के मान को यकायक उपर उठा दिया, वह था हृतिक रोशन जैसे सुपर स्टार का ’धीरे धीरे’ गीत। हृतिक इस दौर के न केवल सबसे आकर्षक दिखने वाले नायकों में से एक हैं बल्कि फ़िल्म जगत के सर्वकालीन श्रेष्ठ नर्तकों में उनका नाम बहुत उपर आता है। इसलिए जब उन्होंने भूषण कुमार निर्मित इस सिन्गल के लिए हामी भरी तब यह अनुमान लगाना मुश्किल नहीं था कि यह सुपरहिट होने वाला है। यो यो हनी सिंह ने ’आशिक़ी’ के इस हिट गीत को नया जामा पहनाया। इस गीत के रिलीज़ होते ही प्रथम सप्ताह में ही इसे 16 मिलियन हिट्स मिले और सिन्गल्स का यह सिलसिला आगे बढ़ता चला गया।

अभी हाल ही में, 14 जुलाई 2016 को रिलीज़ हुआ नया सिन्गल "तेरी ही लत लगी है आजकल, मौजों
तेरी ही लत लगी है आजकल...
में ज़िन्दगी है आजकल"। गायक - संतोष कुमार सिन्हा, संगीतकार - शुभांगी राठौड़, गीतकार - विकास कौशिक। गीत फ़िल्माया गया है तेज़ी से टेलीविज़न की सीढ़ियाँ चढ़ते अभिनेता राहुल चौधरी और उनकी नायिका बनी हैं गहना वशिष्ठ। पिछले पन्द्रह दिनों में इस गीत को यू-ट्युब चैनल पर करीब 27,000 हिट्स मिल चुके हैं और यह संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती चली जा रहे है। यहाँ यह बताना ज़रूरी है कि इस गीत से पहले भी गायक संतोष कुमार सिन्हा ने एक सिन्गल बनाया था जिसका शीर्षक था ’साजना रे’ जिसे लाखों की संख्या में ’लाइक्स’ मिले थे। "तेरी लत लगी है आज..." ने इस रेकॉर्ड को तोड़ने की पूरी तैयारी की है। 90 के दशक के सॉफ़्ट मेलोडियस नंबर का अहसास लिए यह गीत एक ताज़े हवा के झोंके की तरह आया है जिसे सुन कर एक सुकून की अनुभूति हो रही है। अभिनेता राहुल चौधरी से करीबी संबंध होने की वजह से मुझे इस गीत के बारे में उनके विचार जानने को मिले - "यह नई टीम एक नया गीत बनाने की सोच रहे थे जो एक सुन्दर रोमान्टिक विडियो गीत हो। निर्देशक साहब ने मुझे बुलाया और कॉनसेप्ट बताया। मुझे कॉनसेप्ट अच्छा तो लगा पर साथ ही घबराहट भी हुई क्योंकि इस तरह का रोमान्टिक काम मैंने पहले कभी नहीं किया था। लेकिन पूरी टीम इतनी अच्छी थी कि इसमें काम करते हुए कोई परेशानी नहीं हुई, एक याराना सा माहौल था। मुझे लगा नहीं कि मैं एक नई टीम के साथ काम कर रहा हूँ, सभी बहुत टैलेन्टेड हैं। अब मुझे ख़ुशी हो रही है जब लोग इस गीत के लिए अच्छे कमेण्ट्स भेज रहे हैं। मुझे हमेशा से नए नए काम करने में अच्छा लगता है।"


सिन्गल्स एक ऐसा माध्यम है जिसके ज़रिए नए नए कलाकार अन्य कलाकारों के साथ मिल कर एक नया गीत तैयार कर सकते हैं जिससे रचनात्मक और व्यावसायिक तृप्ति, दोनों प्राप्त होती है। इस नई प्रवृत्ति को देखते हुए यह निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि सिन्गल्स संगीत की नई धारा है जिसका भविष्य उज्ज्वल है।



खोज, आलेख व प्रस्तुति : सुजॉय चटर्जी  

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