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लायी हयात आये...रफीक शेख की मखमली आवाज़ में ज़ौक की क्लास्सिक शायरी

रफीक शेख 

रफीक शेख रेडियो प्लेबैक के सबसे लोकप्रियक कलाकारों में से एक हैं, विशेष रूप से उनके गज़ल गायन के ढेरों मुरीद हैं. रेडियो प्लेबैक के ओरिजिनल एल्बम "एक रात में" में उनकी गाई बहुत सी गज़लें संगृहीत हैं. आज के इस विशेष कार्यक्रम में हम लाये हैं उन्हीं की आवाज़, एक नई गज़ल के साथ. वैसे गज़ल और गज़लकार के बारे में संगीत प्रेमियों को बहुत कुछ बताने की जरुरत नहीं है. इब्राहीम "ज़ौक" की इस मशहूर गज़ल से आप सब अच्छे से परिचित होंगें. इसे पहले भी अनेकों फनकारों ने अपनी आवाज़ में ढाला है, पर रेडियो प्लेबैक के किसी भी आर्टिस्ट के द्वारा ये पहली कोशिश है.

लायी हयात आये कज़ा ले चली चले
ना अपनी ख़ुशी आये ना अपनी ख़ुशी चले |

दुनिया ने किसका राहे-फ़ना में दिया है साथ
तुम भी चले चलो यूं ही जब तक चली चले |

कम होंगे इस बिसात पे हम जैसे बदकिमार
जो चाल हम चले वो निहायत बुरी चले |

Comments

Sajeev said…
rafique bhai, swagat
Unknown said…
गजल नामी मशहूर लोगों ने भी इससे अपनी आवाज भी दी है किंतु रफीक भाई ने एक समा बांध दिया 120 नया ऐप तैयार कर दो देश खुद-ब-खुद वेश

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